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जावेद अख्तर ने कड़े लहजो में PAK को दी चेतावनी- जाधव को पहुंचाया नुकसान तो होगा करगिल से भी बड़ा युद्ध

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लेखक-गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है. पाकिस्तान में भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी देने पर जावेद अख्तर ने कड़े लहजे में कहा है कि ये पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं है. मशहूर गायक ने ट्वीट कर कहा है कि अगर पाकिस्तान जाधव को हानि पहुंचाता है तो वो 65, 71 और करगिल से बड़ी गलती करेगा. जावेद अख्तर ने आगे लिखा कि मुझे उम्मीद है कि वे जानते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा है.
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Javed Akhtar  @Javedakhtarjadu
Pak will make a more grievous mistake than 65,71 n Kargil if they harm Jhadav any which way . I hope they know what is good for them
भारत-पाकिस्तान के बीच अब तक 4 युद्ध हुए हैं. 1947 में विभाजन के समय दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ. उसके बाद 1965, 1971 और 1999 में करगिल युद्ध हुआ.
1965 का भारत-पाक युद्ध दोनों देशों के बीच अप्रैल 1965 से सितंबर 1965 के बीच हुआ था. इसे कश्मीर के दूसरे युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. इस लड़ाई की शुरुआत पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को घुसपैठियों के रूप मे भेज कर इस उम्मीद में की थी कि कश्मीर की जनता भारत के खिलाफ विद्रोह कर देगी. इस अभियान का नाम पाकिस्तान ने युद्धभियान जिब्राल्टर रखा था. पांच महीने तक चलने वाले इस युद्ध मे दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए. इस युद्ध का अंत संयुक्त राष्ट्र के द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के साथ हुआ और ताशकंद मे दोनों पक्षों मे समझौता हुआ.
1971 का युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच एक सैन्य संघर्ष था. हथियारबंद लड़ाई के दो मोर्चों पर 14 दिनों के बाद युद्ध पाकिस्तान सेना और पूर्वी पाकिस्तान के अलग होने की पूर्वी कमान के समर्पण के साथ खत्म हुआ.

पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की. कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना के एक समूह ने समुद्र तल से 17,400 फीट से ज्यादा की उंचाई पर स्थित पाकिस्तानी चौकी को लेजर नियंत्रित बमों के जरिये ध्वस्त कर दिया था. टाइगर हिल पर पाकिस्तान द्वारा बनाई यह चौकी सामरिक रूप से काफी अहम थी, क्योंकि इससे पाकिस्तानी सैनिक श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाली नेशनल हाइवे 1ए और द्रास को सीधा निशाना बना सकते थे. करीब दो महीने तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के करीब 550 जवान शहीद हुए थे. इस लड़ाई की शुरुआत 8 मई 1999 को हुई थी और 14 जुलाई को इसका अंत हुआ लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने 26 जुलाई को करगिल विजय का ऐलान किया.
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