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पेट पर स्थित नाभि यानि बेली बटन नवजात शिशु से गर्भनाल को अलग करने के कारण बनती है। क्या आपको ये मालूम हैं कि नाभि का अपने स्थान पर रहना स्वस्थता का प्रतीक होता है? आइए जानते हैं नाभि से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्य.

नाभि स्त्रियों के शरीर का सबसे कामोत्तेजक स्थान होता है। जोकि रोमांस को बढ़ता है।
नाभि का कई बीमारियों के इलाज के लिए एक स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। ये शरीर में मुख्य चक्रों या ऊर्जा के बिंदु में से एक है, जो चिकित्सा में मददगार है।
नाभि केवल इंसानों में ही नहीं होती बल्कि ये सभी स्तनधारी प्राणियों में भी होती है।

नाभि एक निशान है, जो नवजात शिशु से गर्भनाल को अलग करने के कारण बनता है। ये गर्भनाल मां की नाल से जुड़ी होती है। जब शिशु का जन्म होता है, तो डॉक्टर्स द्वारा गर्भनाल को बांधकर उसे काट दिया जाता हैं, जिससे ये निशान बनता है।

नाभि शरीर का एक ऐसा हिस्सा है, जहां बैक्टीरिया और माइक्रोओर्गनिज़म भरे हुए हैं। नोर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं के अनुसार, नाभि के आस-पास औसतन 1400 प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं।
नाभि में हमेशा एक तरह की रुई बनती रहती है। कपड़ों से निकलने वाले फाइबर और शरीर के बाल नाभि में जमा हो जाते हैं, जिस कारण ये रुई बनती है।
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