नई दिल्ली - चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब को एक बार फिर वापस हिंदुस्तान लाने की जिम्मेदारी विराट कोहली के कंधों पर है। लेकिन इस मोर्चे में ये युवा कप्तान अकेला नहीं है, इसके साथ एक ऐसा खिलाड़ी है जिसने अपनी कप्तानी के दौरान मॉर्डन क्रिकेट में जीत की परिभाषा ही बदल दी थी।
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# धोनी कितने सफल कप्तान थे ये तो सभी को पता है, लेकिन माही ने ठान लिया है कि चैंपियंस ट्रॉफी में ये कला वो विराट को भी सिखा देंगे। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच से उन्होंने इसकी शुरूआत भी कर दी है। परदेश में भी इस देसी 'गाइड' को पाकर विराट खुश हैं। कीवियों के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में कोहली धोनी से सलाह लेने में पीछे नहीं हटे तो वहीं धोनी भी विराट की मदद करने के लिए खुद से आगे बढ़ रहे थे।
# इसी का नतीज़ा था कि पहले ही प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया ने 189 के स्कोर पर न्यूज़ीलैंड को ऑल आउट कर दिया था। इससे पहले मैदान में उतरने से पहले भी धोनी का अनुभव और विराट की रफ्तार काम आई। पहले टीम के कप्तान विराट कोहली ने टीम को रणनीति बताई और उसके बाद धोनी ने युवा खिलाड़ियों को ये समझाया कि रणनीति को अमल कैसे करेंगे।
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# धोनी-विराट के साथ आने से जहां टीम इंडिया पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है और पाकिस्तान समेत दूसरी टीमों के लिए मिनी वर्ल्ड कप में चुनौतियां पहले से भी ज्यादा कड़ी हो गई है।
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