
नई दिल्ली - : चीन के OBOR प्रोजेक्ट के विरोध में मोदी सरकार ने नई योजना बनाई है। माना जा रहा है कि भारत एनर्जी डिप्लोमेसी के जरिए अपने पड़ोसियों को अपना बनाते हुए चीन को मात देना। भारत मॉरिशस, इंडोनेशिया और चीन के अन्य पड़ोसी देशों के साथ ऊर्जा संबंधों को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटा है। इससे भारत पश्चिम की तरफ से किए जा रहे अवरोधों समाप्त करने में सक्षम हो सकेगा।
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# भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सभी करीबी देशों को साध रहा है। इन देशों में मॉरिशस सबसे अहम है। भारत लंबे वक्त से मॉरिशस को पेट्रोलियम प्रोडक्ट की सप्लाई करता रहा है। मॉरिशस के साथ जुड़ने से भारत अपनी पकड़ अफ्रीकी देशों तक भी पहुंचा सकता है।
# दुनियाभर में हाइड्रोकार्बन के बड़े स्त्रोतों में से एक इंडोनेशिया भी भारत के साथ इस मिशन में आ सकता है।
# भारत के इस मिशन के तहत फ्लोटिंग स्टोरेज और रीगैसिफिकेशन यूनिट्स बनाई जा रही हैं, ताकि इंडोनेशिया में स्थित हजारों आइलैंड्स में एनर्जी सप्लाई निर्बाध रूप से हो पाए।
# इसके तहत भारत इंडोनेशिया से गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली एलएनजी किट की सप्लाई बढ़ाने पर जोर दे रहा है।
# भारत असम से म्यांमार को डीजल की सप्लाई करता रहा है। अब भारत म्यांमार को साधने के लिए अपनी मदद बढ़ा सकता है।
# यह स्ट्रैटजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक बड़ा हिस्सा बताई जा रही है।
# जिस प्रकार पश्चिम में पाकिस्तान लगातार चीन के करीब जा रहा है, उसी की काट के लिए भारत पूर्व में मौजूद अपने पड़ोसियों को अपने साथ लाना चाहता है।
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