
# पीएम मोदी रूस के दौरे पर हैं. गुरुवार को व्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाकात हुई. इस दौरान कई समझौते हुए, सबसे अहम रहा- एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर रहा. इसपर डील पक्की हो गई है और जल्द ही ये भारत को मिल सकता है. बता दें कि यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्लेमाल कर सकेगा.
यह भी पढ़े ➩
➩
➩
➩
➩
# भारत और रूस के बीच मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर साल से ही बातचीत चल रही थी. समझा जा रहा है कि रूस की हामी के साथ ही यह डील अब पक्की हो गई है.

यह भी पढ़े ➩
➩
➩
डिफेंस सिस्टम में एस-400 Triumf के अलावा और क्या देगा रूस?
# पिछले साल गोवा में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान ही 32 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस डील हुई थी. जिसके तहत भारत रूस से पांच 'S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम' और 200 'कामोव केए-226 टी' हेलिकॉप्टर खरीदेगा. 40 हेलिकॉप्टर रूस से आएंगे और बाकी देश में ही बनेंगे.
# मोदी के दौरे के बीच रूस के उपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया है कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें और कितना वक्त लगेगा. फिलहाल सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं.

यह भी पढ़े ➩
➩
➩
➩
➩
कैसे काम करता है S-400 Triumf मिसाइल सिस्टम -
# S-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है.
# S-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी.
# इन डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है .
# ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी कैपिसिटी है.
# इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं.
# मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है.
# पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा. यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है.
# S-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है.
# S-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी.
# इन डिफेंस सिस्टम से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है .
# ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. इसके पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी कैपिसिटी है.
# इस डिफेंस सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं.
# मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है.
# पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा. यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है.
यह भी पढ़े ➩
➩
➩
➩
➩

चीन को कैसे देंगे बराबर की टक्कर -
# चीन के पास पहले से ही ये डिफेंस सिस्टम मौजूद है. पर अब ये हम भी मिल जाएगा. ऐसे में अब हमें चीन को टक्कर देने में आसनी होगी. चीन ने भी रूस से ही यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था. फिलहाल चीन की आर्मी इसका इस्तेमाल करती है. बता दें कि भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की ओर से भी मिसाइल हमलों और हवाई हमलों का ख़तरा रहता है. इसलिए एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की बहुत काम आ सकती है.
# चीन के पास पहले से ही ये डिफेंस सिस्टम मौजूद है. पर अब ये हम भी मिल जाएगा. ऐसे में अब हमें चीन को टक्कर देने में आसनी होगी. चीन ने भी रूस से ही यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था. फिलहाल चीन की आर्मी इसका इस्तेमाल करती है. बता दें कि भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की ओर से भी मिसाइल हमलों और हवाई हमलों का ख़तरा रहता है. इसलिए एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की बहुत काम आ सकती है.
यह भी पढ़े ➩
➩
➩
➩
➩
➩
Like Our Facebook Fan Page
Subscribe For Free Email Updates
0 comments: