# भगवान श्री राम के बारे में तो हम सब जानते है !पर शायद बहुत कम लोग जानते है की आखिर भगवान राम
को क्यों जाना पड़ा था 14 वषों तक वनवास !आज हम आपको श्री राम के वनवास जाने के पीछे का रहस्य बता रहे -
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# रामायण में एक प्रसंग में बताया गया है कि कैकेयी की जिद की वजह से भगवान श्री राम को लक्ष्मण जी तथा देवी सीता के साथ वन जाना पड़ा था| श्री राम के वनवास जाने का कारण केवल कैकेयी नहीं थी !
# कैकेयी के अलावा भी कुछ कारण थे जिनकी वजह से श्री राम, देवी सीता तथा लक्ष्मण जी को 14 वर्ष का वनवास भुगतना पड़ा !

# हम सभी जानते हैं कि श्री राम को वनवास भेजने का कैकेयी ही मुख्य कारण बनी| परन्तु यह भी सत्य है कि कैकेयी ने हमेशा श्री राम को अपने पुत्र भरत के समान ही प्रेम किया| कैकेयी ने श्री राम के साथ कभी कोई भेद भाव नहीं किया था !
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# यही वजह थी कि जब श्री राम के वन जाने की वजह का पता भरत को चला तो वह हैरान हुए थे कि माता कैकेयी ऐसा कैसे कर सकती हैं| क्या आप जानते हैं कि कैकेयी ने यह काम जान बूझकर नहीं किया था बल्कि यह कार्य देवताओं ने करवाया था| यह बात राम चरित मानस के इस दोहे से स्पष्ट हो जाती है-
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# यही वजह थी कि जब श्री राम के वन जाने की वजह का पता भरत को चला तो वह हैरान हुए थे कि माता कैकेयी ऐसा कैसे कर सकती हैं| क्या आप जानते हैं कि कैकेयी ने यह काम जान बूझकर नहीं किया था बल्कि यह कार्य देवताओं ने करवाया था| यह बात राम चरित मानस के इस दोहे से स्पष्ट हो जाती है-
!! बिपति हमारी बिलोकि बड़ि मातु करिअ सोइ आजु !रामु जाहिं बन राजु तजि होइ सकल सुरकाजु !!
# हम सभी जानते हैं कि श्री राम ने धरती पर जन्म रावण का वध करने के उद्देश्य से लिया था| यदि कैकेयी राजा दशरथ को श्री राम के वनवास के लिए न मनाती तो श्री राम अयोध्या के राजा बन जाते| जिस कारण न देवी सीता का हरण होता और न ही रावण के वध का उद्देश्य पूरा होता !
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# इसलिए देवताओं के अनुरोध पर देवी सरस्वती कैकेयी की दासी मंथरा की मति फेर देती हैं| जिस कारण मंथरा आकर कैकेयी के कान भरना शुरु कर देती है कि राम अगर राजा बन गए तो कौशल्या का प्रभाव बढ़ जाएगा| इसलिए भरत को राजा बनवाने के लिए तुम्हें हठ करना चाहिए !
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# इसलिए देवताओं के अनुरोध पर देवी सरस्वती कैकेयी की दासी मंथरा की मति फेर देती हैं| जिस कारण मंथरा आकर कैकेयी के कान भरना शुरु कर देती है कि राम अगर राजा बन गए तो कौशल्या का प्रभाव बढ़ जाएगा| इसलिए भरत को राजा बनवाने के लिए तुम्हें हठ करना चाहिए !

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# यह सब देवी सरस्वती ही मंथरा की जुबान से बोल रही थी| इसलिए मंथरा की बातें कैकेयी की मति को फेरने के लिए काफी थी| मंथरा की बातों में आकर कैकेयी ने खुद को कोप भवन में बंद कर लिया !
# जब राजा दशरथ कैकेयी को मनाने पहुंचे तो कैकेयी ने भरत को राजा और राम को चौदह वर्ष का वनवास का वचन मांग लिया| इस वचन के कारण ही श्री राम को अयोध्या छोड़कर वनवास के लिए जाना पड़ा !
# जब राजा दशरथ कैकेयी को मनाने पहुंचे तो कैकेयी ने भरत को राजा और राम को चौदह वर्ष का वनवास का वचन मांग लिया| इस वचन के कारण ही श्री राम को अयोध्या छोड़कर वनवास के लिए जाना पड़ा !
# इन सबके अलावा श्री राम के वनवास के पीछे एक कारण श्राप भी है| एक बार नारद जी ने एक सुंदर कन्या को देखा तो वह उस पर मोहित हो गए| नारद जी उस कन्या से विवाह करना चाहते थे| इसलिए वह नारायण के पास पहुंचे और हरि जैसी छवि मांगी| हरि का एक अर्थ होता है विष्णु तथा दूसरा अर्थ होता है वानर !

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# भगवान ने नारद को वानर मुख दे दिया जिस कारण नारद जी का बहुत उपहास हुआ और उनका विवाह नहीं हो पाया| क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि आपको देवी लक्ष्मी का वियोग सहना पड़ेगा और वानर की सहायता से ही आपका पुनः मिलन होगा| इस श्राप के कारण राम सीता का वियोग होना था| इसलिए भी श्री राम को वनवास जाना पड़ा !
# इसके अलावा जो कारण है उसका संबंध एक शाप से है। नारद मुनि के मन में एक सुंदर कन्या को देखकर विवाह की इच्छा जगी। नारद मुनि नारायण के पास पहुंचे और हरि जैसी छवि मांगी। हरि का मतलब विष्णु भी होता है वानर भी। भगवान ने नारद को वानर मुख दे दिया इस कारण से नारद मुनि का विवाह नहीं हो पाया !
# क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को शाप दे दिया कि आपको देवी लक्ष्मी का वियोग सहना पड़ेगा और वानर की सहायता से ही आपका पुनः मिलन होगा। इस शाप के कारण राम सीता का वियोग होना था इसलिए भी राम को वनवास जाना पड़ा !
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# क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को शाप दे दिया कि आपको देवी लक्ष्मी का वियोग सहना पड़ेगा और वानर की सहायता से ही आपका पुनः मिलन होगा। इस शाप के कारण राम सीता का वियोग होना था इसलिए भी राम को वनवास जाना पड़ा !
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