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ब्रेकिंग : नोटबंदी से भी बड़ा फ़ैसला होने के आसार पाकिस्तान ना बन जाए मरुस्थल ?


पाकिस्तान और भारत में रहने वाले पाकिस्तानियों के लिए ऐसी ख़बर आई है जिसको सुनते ही इनकी नींद उड़ जाएगी दरअसल नेहरु ने पाकिस्तान की भलाई के लिए सिंधु जल समझौता 1960 में शुरू किया था । अब भारत इस समझौते को तोड़ सकता है और ऐसा हुआ तो पाकिस्तान एक एक बूँद के लिए तरसने जाएगा । ख़बर है की वर्ल्ड बैंक ने सिंधु जल समझौते पर लगभग भारत का समर्थन कर दिया है क्यूँकि वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को साफ़ कह दिया है कि हम भारत के निर्णय में कोई दख़ल नहीं देंगे।  कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भी सिंधु जल समझौते पर भारत का साथ दिया है । कल वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान को झड़काते हुए कहा कि अगर भारत इस समझौते को तोड़ना चाहता है तो ये उसकी इच्छा है, हम इसमें दख़ल नहीं देंगे । बता दें कि पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक के पास मिन्नते करने गया था कि भारत सिंधु जल समझौता तोड़ने वाला है और वर्ल्ड बैंक इस मुद्दे पर कुछ फ़ैसला भारत से बात कर कुछ करे।

वर्ल्ड बैंक के अपरोक्ष रूप से समर्थन के बाद नरेंद्र मोदी सिंधु जल समझौते पर सख्त हो गए है . सिंधु जल समझौता ख़त्म करने के लिए टास्क फाॅर्स गठित करेंगी ताकि भारत सरकार आने वाले सात दिनों में ये समझौता ख़त्म करना है या नहीं इस पर चर्चा हो सके। ऐसा हुआ तो इस बार पाकिस्तान की और जाने वाला पानी का रास्ता भारत की तरफ मोड़ दिया जाएगा ।


मोदीजी टास्क फाॅर्स की खुद अध्यक्षता कर सकते है और पाकिस्तान और मुरुस्थल बना सकते है । सूत्रों से खबर मिली है कि सभी नदियों का रास्ता पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात की तरफ किया जाएगा और नदियों का पानी गुजरात होते हुए अरब की खाड़ी में चला जाएगा ।  मोदी सरकार ने अगर ये ठान ली कि भारत को इस समझौते से आजादी दिलाएंगे तो आप सोच ही सकते हो कि पाकिस्तान में पानी के लिए कैसी हाहाकार मच जाएगीं  ?
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