loading...

90 साल की उम्र में चार घंटे योग करने वाले योगगुरु की कहानी

योग पर अपनी अलहदा छाप छोड़ने वाले बी.के.एस. आयंगर की कहानी
दुनिया भर में कहीं भी हों, ‘योग’ शब्द मुंह से निकालेंगे तो शायद ही कोई कहे कि नहीं जानते यह क्या है. 2015 से बाकायदा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है 21 जून को. मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों में गिने जाने वाले योग को अब दुनिया भर में भारत की ‘सॉफ्ट पॉवर’ का हिस्सा बताया जाता है.140820035339_b_k_s_iyengar_336x189_devidasdeshpande_nocredit
एक आंकड़ा यह भी है कि अकेले अमेरिका में योग 1 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर का व्यवसाय है.
लेकिन इस सब चमक दमक से अलग, योग ख़ामोशी से बहुतों की ज़िन्दगी में रच बस गया है. कोई अपनी बीमारी के चलते योग करता है, कोई बतौर स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तो कुछ लोंगों के लिए योग एक अलग स्तर पर खुद से जुड़ने का ज़रिया है. योग की इस बम्पर प्रसिद्धि के पीछे जिन लोगों की मेहनत है, उनमें बड़े अदब से नाम लिया जाता है बेल्लुर कृष्णमाचार सुन्दरराजा आयंगर का जो पहला महायुद्ध ख़तम होते ही दुनिया में भले-चंगे रहने का सन्देश लेकर आए – ठीक 1918 में. आज इनका 98वां जन्मदिन है.140820050308_bks_iyengar_624x351_bbc
loading...
Previous Post
Next Post
loading...
loading...

0 comments: