पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद एक बार फिर बौखलाया हुआ घूम रहा है . उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और वहां की सरकार को 21 दिन की मोहलत दी है उसका कहना है कि उसके बाद अगर उसके मुताबिक काम नहीं हुआ तो इसका अंजाम सभी को भुगतना पड़ेगा . दरअसल पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा का एक विधेयक पास हुआ है . इसके बाद अब कोई भी वहां हिंदुओं का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा लेकिन यह फैसला हाफिज सईद को मंजूर नही है .
बता दें कि हाफिज सईद ने इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है . इसके लिए हाफिज ने सरकार को 21 दिन की मोहलत भी दी है . दरसअल हाफिज सईद ने इस विधेयक को गैर इस्लामी करार दिया है और कहा कि भारत सिंध में रहने वाले हिंदुओं को पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल करता है . जो हमे बिलकुल बर्दास्त नहीं है . उसने धमकी भी दी है कि सरकार को इस विधेयक को वापस लेना ही होगा .
दरसअल, सिंध की विधानसभा में पारित सिंध आपराधिक कानून 2015 कानून में अगर कोई व्यक्ति जबरदस्ती धर्मांतरण करता पकड़ा जाता है तो उसे पांच साल तक की कैद की सजा होगी और धर्मांतरण में मदद करने वाले को तीन साल तक की सजा होगी . हाफिज ने नवाज शरीफ की सरकार को ये धमकी है कि उसका संगठन इस्लाम विरोधी इस कानून को नहीं मानेगा . उसका कहना है कि इस कानून के खिलाफ वो कोई भी हद पार करने को तैयार है .
उसने कहा शुरुआत देशव्यापी आंदोलन से करेंगे और अगर जरुरत पड़ी तो दूसरे रास्ते भी अपनाये जाएंगे . यानी हाफिज ने सीधे तौर पर पाकिस्तान के पीएम और वहां की सरकार को चुनौती दी है . साउथ एशिया पार्टनरशिप-पाकिस्तान यानी सैप-पीके की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर साल लगभग एक हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया जाता है . इसमें ज्यादातर हिंदू होते हैं . बता दें कि पाकिस्तानी सीनेट की धार्मिक मामलों की स्टैंडिंग कमेटी भी जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन को गैर कानूनी और इस्लाम के खिलाफ बता चुकी है परन्तु हाफिज इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़ गया है .
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