
नवम्बर से मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसलों की बौछार की हुई है. मोदी सरकार ऐसे ऐसे क्रांतिकारी फैसले ले रही है, जिससे एक बार में पुरे देश को झटका लग जाता है. डिजिटल इंडिया का सपना बुनने वाली मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया. मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को आजादी के बाद लिया गया साहसिक फैसला कहा जा रहा है. अब मोदी सरकार अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए एक क्रांतिकारी फैसला लेने जा रहे है. नोटबंदी के बाद से बैंकिंग सिस्टम की तस्वीर मोदी सरकार के सामने आ गयी है. देश के 80% इलाकों में बैंक नहीं है. इसलिए मोदी सरकार इस्लामिक बैंक शुरू करने का विचार बना रही है. इस फैसले से अल्पसंख्यकों की तकलीफे दूर हो जायेंगी और साथ ही डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा. #
इस मुहीम को चलाने के लिए मोदी सरकार ने अपना पहला कदम रख दिया है. मोदी सरकार ने सऊदी अरब की सरकार के साथ इस्लामिक बैंक की ब्रांच खोलने का समझौता कर लिया है. इस्लामिक बैंक की पहली ब्रांच गुजरात में खुलेगी. इस बैंक का नेतृत्व जफ़र सुरेशवाला करेंगे जो की नरेन्द्र मोदी के बहुत करीब है. आपको बता दे कि इस्लामिक बैंक शरियत के कानूनों के अनुसार चलता है. जिसके मुताबिक ग्राहकों के पैसे जमा करने पर ब्याज नहीं लगता और ना ही लोन लेने पर ब्याज लगता है. पीएम इस योजना के लिए बहुत उत्सुक है. इस फैसले से अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक स्थिति सुधर जायेगी. जिससे देश की आर्थिक स्थिति भी सुधर जायेगी. सरकार ने यह फैसला देश के मुसलामानों की आर्थिक स्थिति देखते हुए लिया है. #
अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े देशों में पहले से ही इस्लामिक बैंक खुल चुके है. जल्दी ही भारत में खुल जायंगे. इस फैसले को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने मंजूरी दे है. हालाँकि कुछ हिन्दू समुदाय इस फैसले का विरोध कर रहे है लेकिन केंद्र सरकार ने अपना मन पक्का कर लिया है. यह देश की आर्थिकव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होगा.
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