वकील प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को जस्टिस जेएस खेहर, जो की जनवरी में भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होने वाले हैं को लेकर कहा था कि वो सहारा समूह और बिरला समूह के कंपनियों मुद्दे में अपना और मोदी का बचाव कर लें । अदालत ने भूषण को बिना सबूत बार बार PM पर आरोप लगाने के लिए फटकार लगायी है ।
सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण को प्रधानमत्री मोदी पर खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाने की बात पर जबरदस्त फटकार लगाईं । सुप्रीम कोर्ट ने भूषण से कहा कि अगर सहारा समूह और बिरला समूह के कंपनियों पर मारे गए छापे में मिली डायरी से जुड़े मुद्दे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुड़े होने का छोटा सा भी सबूत है तो पेश करे । हालाँकि भूषण ने दस्तावेज जमा करने के लिए समय माँगा लेकिन कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया ।
भूषण अदालत से समय ना मिल पाने पर भड़क गए और जस्टिस केहर पर तंज करते हुए कहा कि जस्टिस केहर को सरकार की ओर से अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है । आपको बता दे कि जस्टिस केहर देश के पहले सिक्ख मुख्य न्यायाधीश होंगे । एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भूषण के भाषण पर कहा कि “ये बहुत ही चालू तरकीब है और मैं इससे बहुत आहत हूं” । रोहतगी ने यह भी कहा कि अदालत इस मामले को स्थगित कर सकती है । अभी अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 11 जनवरी 2017 की तारीख तय की है ।
भूषण की इस टिपण्णी पर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे जज जस्टिस अरुण मिश्रा ने आपत्ति जताई । जस्टिस मिश्रा ने कहा, “यानी आपको लगता है कि हम किसी दबाव में हैं ? आप देश की सबसे बड़ी संवैधानिक अदालत पर शक कर रहे हैं? सभी ने भूषण को उनके आपत्तिजनक टिपण्णी पर जबरदस्त फटकार लगाईं ।
0 comments: