उत्तराखंड शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां अगर कोई खुली आखों से भगवान के दर्शन कर लेता है तो अपनी आखें खो बैठता है. इस मंदिर में लोग प्रवेश करने से डरते है. इस मंदिर केवल पुजारी ही प्रवेश करते है वो भी पट्टी बांधकर. यह ऐसा मंदिर है जहाँ पट्टी बांधकर पूजा की जाती है. इसके पीछे एक वजह है, जिसे जानकर आप हैरान हो जायेंगे. उत्तराखंड के देवाल स्थित धार्मिक स्थल वाण के लाटू मंदिर में भक्त मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करते, वो 30 मीटर दूर से ही मंदिर जी के दर्शन कर लेते है. इतना डर होने के बावजूद भी यहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है. इस मंदिर के कपाट साल में एक दिन ही खुलते हैं और उसी दिन सांय को बंद हो जाते है. मंदिर के कपाट हर साल बैशाख पूर्णिमा के दिन ही खुलते है.
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वाण गांव हर बारह साल में होने वाली सबसे लंबी पैदल यात्रा श्रीनंदा देवी राजजात यात्रा का 12वां पड़ाव है. स्थानीय लोगों का कहना है की अगर कोई भी इस मंदिर में बिना पट्टी के प्रवेश करता है तो, अचानक एक तेज रोशनी निकलने लगती है जिसके कारण व्यक्ति अँधा हो जाता है. # जानिए किस उम्र में बच्चों को देना चाहिए स्मार्टफोन
इसके पीछे एक कहानी है, वो ये की लाटू को मां नंदा ने अपना धर्म भाई बनाया हुआ था. एक बार मां नंदा अपने धर्म भाई लाटू के साथ वाण से कैलाश की तरफ जा रही थी, तब अचानक लाटू को जोर से प्यास लगने लगी और उसने जाम को पानी समझकर पि लिया. इससे कुपित होकर लाटू ने अपनी जीभ काट दी. तबसे ही लाटू की पूजा होने लगी.
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