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ख़ुलासा : क्यूँ राहुल गांधी और केजरीवाल मोदी मोदी चिल्लाते हैं पर कोई सबूत नहीं देते


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर एक बार फिर हमला बोला था. संसद में चल रहे सियासी संग्राम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कूद पड़े हैं. आज केजरीवाल ने संसद में मोदी के ख़िलाफ़ सबूत के कुछ पन्ने लहराए. केजरीवाल का कहना है कि इन पन्नो में मोदी के खिलाफ गुजरात में किये गए 25 करोड़ के घोटाले का सबूत है. इस ख़बर से संसद में खलबली मच गयी. काफी सवाल खड़े हुए. जब केजरीवाल को संसद के बहार इन सबूतों को दिखाने के लिए कहा तो उन्होंने मुह से एक शब्द नहीं फोड़ा. यहाँ तक कि केजरीवाल ने संसद के बहार इस बात बार चर्चा करने से ही इनकार कर दिया.

ऐसे ही हमारे पप्पू यानी राहुल गाँधी. राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का सबूत है. राहुल गाँधी ने यह भी कहा था कि वो मोदी को बेनकाब करना चाहता है लेकिन कर नहीं सकता. अगर वास्तव में गांधी के पास भ्रष्टाचार में मोदी जी की निजी संलिप्तता के सबूत हैं तो संसद के बाहर क्यूँ उजागर नहीं कर रहे. राहुल इन सबूतों को संसद के बहार उजागर करने पर चुप्पी साधे हुए है.
सवाल ये उठता है कि आखिर केजरीवाल और राहुल गाँधी संसद के बहार मोदी के घोटालों को उगाजर क्यूँ नहीं कर रहे. अगर वाकई उनके पास सबूत है तो दुनिया के सामने क्यूँ नहीं ला रहे? मोदी के बारे में जो जानकारी इन दोनों के पास है उसे बताना चाहिए ताकि दुनिया को पता चल जाए मोदीजी कैसे नेता है.
हम आपको बताते है ये दोनों अपनी जानकारी दुनिया के सामने क्यूँ नहीं लाना चाहते. सबसे पहले इनके पास कोई सबूत ही नहीं है. और ये जानते है कि अगर इन्होने कोई झूठे सबूत जनता के सामने दिखा दिए तो जनता इन्हें बक्शेगी नहीं. और साथ ही कोर्ट भी इन्हें धक्के मारकर संसद से बाहर कर देगा. इनके झूठे सबूतों पर कोर्ट इन्हें कड़ी सजा देगी इसलिए ये डरे हुए है क्यूंकि असल में ऐसा कोई सबूत नहीं है । इसलिए ये कैमरे के सामने तो चिल्लाते हैं पर कोर्ट में नहीं जाते । समझ लीजिए किसी भी पार्टी का कोई नेता दूसरे के ख़िलाफ़ पब्लिक में तो घोटाला घोटाला बोल सकता है पर जब सचमुच में घोटाला या कोई सबूत होता है तभी वो कोर्ट की तरफ़ जाता है ।
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