जैसा की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावो की तारीख धीरे-धीरे नजदीक आने लगी है सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी ये चुनाव मार्च में भी हो सकते हैं इसके साथ ही चुनावो से पहले सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर आ रहे संकट मुलायम सिंह के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है .
वो जंग जो शिवपाल और अखिलेश यादव दोनों के बीच शुरू हुई थी हलांकि इन दोनों ने उसे पर्दों में छिपा रखा है अभी तक पूरी तरह से खत्म नही हो पाई है कहा जा रहा है कि इस जंग का अगला पड़ाव टिकट बंटवारा दिख रहा है इसके साथ ये भी पता चला है कि अब चाचा और भतीजा दोनों ही टिकट को लेकर अपने अधिकारों की बात करने लगे है .
बरेली में हुए चुनावो के दौरान एक बार फिर से अखिलेश और शिवपाल के बीच दुरी दिखाई दी है इस बात का अंदेशा यहाँ से लगाया जा सकता है जब शिवपाल ने अखिलेश को एकदम नजर अंदाज कर दिया था और उनसे बात तक नही की थी इन सबको देखकर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले चुनावो में ये दोनों एक-दुसरे के लिए खतरनाक साबित हो सकते है .
इसके साथ आपको एक और सनसनी खबर बता देते है कि चाचा-भताजे की जंग में अब रामगोपाल यादव भी शामिल हो गये है क्यूंकि रामगोपाल ने ये बात इशारों-इशारों में कह डाली है कि टिकट बंटवारे में उनकी मर्जी चलेगी जिससे इसे हम त्रिकोणीय जंग भी कह सकते है .
भले ही बाहर ये लोग साथ होने का नाटक कर रहे है लेकिन पर्दे के पीछे छुपी इनकी जंग एक दुसरे पर मुसीबत बनने वाली है चुनावो की टेंशन में ये लोग नोटबंदी को जैसे भूल ही गए थे लेकिन अब फिर से ये खुलकर सामने आ रहा है भले ही मुलायम सिंह लाख बार ये क्यों न कह लें कि अब सब ठीक है लेकिन ऐसा है नहीं है .
समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण का एक अपना नियम होता है आपको बता दते है कि अभी तक पार्टी के एमएलसी सर्वे करके पार्टी आलाकमान को दे देते थे और उसी के हिसाब से टिकट बांटा जाता था परन्तु इस बार शिवपाल यादव ने एक नई ही चाल चली है और वह है टिकट बंटवारे के लिए दूसरे सर्वे की भूमिका तैयार करना इससे साफ़ पता चलता है आने वाले चुनावों को लेकर सब अभी से नई-नई योजनाए बनाने लगे है .
चुनावो को देखकर ऐसा लग है मानो चाचा भतीजे की जंग में अब रामगोपाल यादव भी तीसरा मोर्चा बनाते दिखाई दे रहे है जैसे ही संसद में शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है उनकी वापसी हो गयी है हो और वापसी आते ही रामगोपाल कुछ ज्यादा ही योजनाए बनाते नज़र आ रहे है या यूँ कह लें कि वे सभी पार्टी के सदस्यों को ये इशारा कर रहे है कि अभी भी पार्टी में उनका पहले जितना ही रुतबा है .
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