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पढ़िए: 179 साल के इस बुजुर्ग की अमर कहानी, जिनके घर का रास्ता मौत भूल गई

कहानियों में आपने अमर या अमिट होने के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या किसी को हकीकत में खुद को अमर कहते सुना है। अगर नहीं तो आप महाष्टा मुरासी की कहानी जानकर दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे।
सबसे बुजुर्ग शख्स  : चेहरे पर झुर्रियां और सन्नाटा लिए मुरासी 179 साल के हो गए हैं। जी हां, 179 साल। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक मुरासी न केवल दुनिया में सबसे बुजुर्ग शख्स हैं बल्कि सबसे बुजुर्ग जीवन जीने वाले शख्स भी हैं।
122 साल तक काम : मुरासी का जन्म साल 1835 में बेंगलुरु में हुआ था। वह वाराणसी में चप्पल बनाने का काम किया करते थे। हिम्मत मजबूत और उम्र लंबी थी लिहाजा काम में लगे रहे। 122 साल तक काम किया। जब लगा कि हां, अब शरीर जवाब दे रहा है तो काम छोड़ दिया।
अमर हूं… :  मुरासी के मुताबिक मैं बीते लंबे समय से जीवित हूं। यहां तक कि मेरे नाती-पोते भी बीते सालों में गुजर चुके हैं। ऐसा लगता है कि मौत मेरे बारे में भूल गई है और इसलिए अब ऐसी ही उम्मीद बची है। आंकड़े देखिए, 150 सालों के बाद किसी की जीवन खत्म नहीं होता, यहां तक 170 से कम में भी नहीं होता। ऐसी हालत में मुझे लगता है कि मैं अमर हूं। मुझे इसमें आनंद आता है।
मेडिकल रिपोर्ट से जानकारी  :  मुरासी के जन्म प्रमाण पत्र और पहचान पत्र से तो उनके दावे सच्चे मालूम पड़ते हैं, लेकिन मेडिकल जांच में यह बातें साबित नहीं हो पाईं। दिलचस्प बात यह है कि मुरासी को आखिरी बार देखने आए डॉक्टर की मौत साल 1971 में हुई थी। उसी समय की चेक-अप रिपोर्ट्स में उनके बारे में कुछ जानकारियां दर्ज हैं।
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