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कोंग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का दोगलपन मुस्लिमों के मामले में ना बोले कोर्ट !!

आपको पता ही है कि इलाहबाद हाई कोर्ट ने तीन तलाक़ के मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत सभी कट्टरपंथियों को करारी फटकार लगायी है और कहा है कि तीन तलाक़ संविधान के ख़िलाफ़ है और ये मुस्लिम महिलाओं के हक़ को ख़त्म करता है। लेकिन दिग्विजय सिंह को इससे बड़ी मिर्ची लगी क्यूँकि मामला मुस्लिमों का जो था । देखें उन्होंने क्या ट्वीट किया ।

मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक से मा. अदालतों से अनुरोध करना चाहूँगा कि उन्हें धर्म और धर्मों के रीति रिवाज में दख़लंदाज़ी नहीं करना चाहिये।

लेकिन इस पर संसार की सबसे दोगली पार्टी जी हाँ कोंग्रेस के महासचिव ने बड़ा ही घटिया बयान दिया है उन्होंने कहा है कि कोर्ट धार्मिक मामलों में दख़ल ना दें? क्या इसका मतलब ये है कि अयोध्या के राम  मंदिर का  जो केस कोर्ट में चल रहा है उसमें भी दिग्विजय के हिसाब से माननीय कोर्ट को दख़ल अंदाज़ी नहीं देनी चाहिए । क्या कोंग्रेस पार्टी ऐसा चाहती है दिग्विजय को स्पष्ट करना चाहिए ।


दिग्विजय सिंह का कहना है कोर्ट मुस्लिमों के मामले में दख़ल ना दें हालाँकि उन्होंने किसी धर्म का नाम नहीं लिखा है लेकिन ये बयान आज कोर्ट के फ़ैसले के बाद आना यही दर्शाता है और दिग्विजय ने जान बूझकर किसी धर्म का नाम अपने ट्वीट में नहीं लिखा ताकि कोई पूछे तो आराम से कह दें कि मैंने कोई महिलाओं के शोषण और तीन तलाक़ का पक्ष नहीं लिया । लेकिन दिग्विजय सिंघ ने कभी भी राम मंदिर मामले को लेकर ऐसा ट्वीट नहीं किया  क्यूँ ?
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