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जानिए क्यों यूपी चुनावों में दलित भी करेंगे भाजपा का समर्थन !!


यूपी विधान सभा चुनाव नज़दीक आ रहे है. और जैसे जैसे ये चुनाव पास आ रहे है वैसे वैसे राजनैतिक माहौल गर्म हो रहा है. आपको बता दे की अब यूपी का दलित वर्ग बसपा को छोड़ बीजेपी का समर्थन कर रह है. इससे यह साफ़ हो गया है कि अब यूपी में बसपा के जितने की कोई उम्मीद नहीं. अगर इस बार फिर बसपा जीतीं तो गरीबों को ओर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. यूपी में सबसे बड़ा वोट बैंक पिछड़े वर्ग का है. आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग की संख्या 39% है, ब्राह्मण 10% है, मुस्लिम आबादी 18% और 18% स्वर्ण जातियां है ।

यूपी चुनाव में दलित भाजपा का समर्थन इसलिए कर करे है क्यूंकि वो जानते है कि अगर इस बार भी बसपा सरकार आ गयी तो उन्हें कोई रोजगार नहीं मिलेगा. किशोरियों के साथ बलात्कार, अपहरण और हत्याओं की घटना ओर बढ़ जायेगी. बसपा के राज में किसानों को खाद मांगने पर लाठी मारी जाती थी, सूबे में लूट और कमीशन खोरी का ही बोलबाला था. बसपा राज में दलितों का सबसे बुरा हाल था. दलितों का बहुत शोषण हुआ है बसपा राज में. दलितों का मायावती आवास के रास्ते तक में प्रवेश निषेध था ।
यूपी के दलित राजनीती के नाम पर डरने लगे है. यूपी के दलित यही चाहते है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने और दलितों के जीवन का सुधार हों. यूपी का दलित चाहता है की यूपी में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बने जिससे उनका भला हो सके. यूपी का दलित बीजेपी को अपना पूर्ण समर्थन दे रहा है. यूपी में भी मोदी का जादू चल गया है. पीएम मोदी का रंग अब वाराणसी में भी दिखने लगा है. पीएम मोदी एशिया का सबसे बड़ा मिल्क ब्रैंड ‘अमूल’ 200 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में डेयरी प्रोसेसिंग फ्लांट लगाने जा रहा है. पीएम मोदी की गतिविधियों ने दलितों का दिल जीत लिया है. और अब दलितों की उम्मीद केवल भाजपा सरकार पर टिकी हुई है.
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