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हिमालयी सीमाओं पर तैनात जवानों की मदद के लिए भारत स्थापित करने जा रहा है डॉप्लर रडार


हिमालय की ऊंचाइयों पर तैनात भारतीय जवानों के लिए वहां का बदलता मौसम सबसे बड़ी चुनौती है। आपको बता दे कि हमारे कई जवान वहां के ख़राब बदलते मौसम के कारण अपनी जान गवां देते हैं।


ऐसे में स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जल्द ही मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से देशभर में डॉप्लर रडार स्थापित करने की योजना में है, जो सीमाओं पर, विशेष रूप से हिमालय पर्वतमाला पर तैनात जवानों को मौसम की सटीक जानकारी देने में सहायक प्रणाली होगी।



इस प्रणाली के जरिए सरकार की योजना जवानों को बदलते मौसम की रियल टाइम अपडेट देना है, जो कि पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात जवानों के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी।

कई डॉप्लर रडार का यह नेटवर्क, भारतीय वायु सेना और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा स्थापित किया जाएगा।

स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 22 डॉप्लर रडार हिमालय श्रृंखला में  महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे।
doppler radar
इसके अलावा, मंत्रालय का 2019 तक सभी मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों की जगह डॉप्लर रडार लाने का उद्देश्य है, जिसपर करीबन 45 मिलियन डॉलर के खर्चे का अनुमान है।
आपको बता दे कि वर्तमान में कुछ पर्वतीय राज्यों सहित 145 जगहों पर डॉप्लर मौसम रडार नेटवर्क संचालित है, लेकिन इनके रखरखाव में बरती लापरवाही के कारण इनमें से कई काम नहीं कर रहे हैं।
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