
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर: राहुल गाँधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अन्दर जान आ गयी है और उन्होने मोदी से प्रधानमंत्री पद छोड़ने की मांग की है। उन्होंने आज प्रधानमंत्री के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में कराने की मांग की। आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जिस तरह 1990 के दशक में किया था, उसी तरह जांच में बेदाग साबित होने तक मोदी से भी पद छोड़ने की मांग की।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में एक जनसभा में कहा कि मोदी ने दो कॉरपोरेट घरानों से रिश्वत के रूप में तब बहुत बड़ी राशि ली जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इसके थोड़ी ही देर बाद केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित किया।
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा में इस वर्ष 15 नवंबर को इस घूसखोरी का खुलासा किया था। तब से वह देश भर में हर जनसभा में इस पर बात रखते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और एक ऐसे विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना चाहिए जिसे मोदी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने का पूरा अधिकार हो।
केजरीवाल ने कुछ दस्तावेज दिखाए जिसे उन्होंने आयकर विभाग का बताया। इसमें चार भागों वाली मूल्यांकन रिपोर्ट भी शामिल थी। इसे दिखाते हुए केजरीवाल ने कहा कि इन कॉरपोरेट घरानों में से एक ने मोदी को 40 करोड़ रुपये किस्तों में दिए।
केजरीवाल ने दावा किया कि एक अन्य कॉरपोरेट घराने के परिसर से जब्त दस्तावेजों से पता चलता है कि मोदी को 25 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत दिए गए।
राहुल गांधी के गुजरात में दिए गए भाषण के बाद भाजपा ने मोदी पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री 'गंगा के समान ही पवित्र' हैं।
केजरीवाल ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को वह लंबे समय से उठा रहे हैं, अब राहुल गांधी के पास इसे उठाने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
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