
मान लेते हैं एक परिवार में छः सदस हैं जिन्मे एक पति -पत्नी , दो बुज़ुर्ग दादा दादी यानी और दो ही बच्चे हैं । बच्चों में से एक लड़की है और एक लड़का है । अब हम आपको बताते हैं कि ऐसे किसी घर में कोई कितना सोना रख सकता है । #
2 विवाहित पुरुष ( पति और उसके पिता) , 1 अविवाहित पुरुष ( बेटा ) ये तीनो लोग अगर 300 ग्राम सोना अपने पास रखते हैं तो इंकम टैक्स वाले इनको कुछ नहीं कहेंगे , हाँ सोने की ख़रीद का प्रमाण माँग सकते हैं लेकिन अगर सोना पहले का है यानी पुश्तैनी है तो वो प्रमाण भी नहीं माँग सकते । यानी अगर घर के पुरुषों की बात करें तो वे लगभग 8-9 लाख रुपए का सोना आराम से रख सकते हैं ।
अब बात करते हैं घर की महिलाओं और एक बिटिया की । इन तीनों में से दोनो विवाहित महिलाओं में से हर एक अपने पास 500 ग्राम सोना रख सकती हैं और अविवाहित लड़की 250 ग्राम रख सकती हैं । अर्थात कुल मिलकर 1250 ग्राम तक ये तीनों रख सकती हैं । जिसकी क़ीमत लगभग 34-35 लाख रुपए बनती है । #
यानी कि एक सामान्य भारतीय परिवार जिसमें छः सदस्य हैं अपने पास 40 से 50 लाख रुपए का सोना रख सकता है , अब इसमें हमें ये समझ नहीं आ रहा कि पाबंदी कैसे लगी । सारे आँकड़े कहते हैं भारत में 70 % आबादी ग़रीब लोगों की है तो उनमे से तो शायद ही कोई इतना सोना अपने घर में रख पाने जितना कमाते भी नहीं होंगे और अच्छे खासे अमीर परिवारों के लिए भी डेढ़ किलो सोना बहुत बड़ी लिमिट होती है ।और इस पर भी अगर किसी के पास कोई पुश्तैनी सोना इसके अलावा भी है तो सरकार उसपर भी कुछ नहीं बोल रही है । अब इससे ज़्यादा सोना तो वहीं रख सकता है जिसके पास काला धन या हराम की कमाई आती हो ।
लेकिन जिन्हें “मोदियाबिन्द” है या वे किसी भी क़ीमत पर मोदी सरकार को गाली देना और विरोध करना जिनकी आदत है वे चाहते हैं कि अनलिमिटेड” सोना रखने की इजाजत हो ? यानी वास्तव में वे चाहते हैं कि आय की औकात से ज्यादा “अनलिमिटेड” जमीन-मकान रखने की भी इजाजत हो ? यानी ये लोग यह भी चाहते होंगे कि बिना किसी हिसाब-किताब के 1000-2000 के नोटों की असीमित गड्डियाँ रखने की भी इजाजत हो ?
अब ऐसे लोगों का तो भगवान ही मालिक है , हम आपको बता देना चाहते हैं कि सोने पर सरकार की ऐसी कोई पाबंदी नहीं है जिससे किसी को भी कोई ख़ास परेशानी हो पर यदि दो नम्बर वालों को परेशानी होती है तो होती रहे उनकी परेशानी का हल ना सरकार के पास है ना किसी और के पास !
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