
झांसी के कालीबाड़ी इलाके में रहने वाले मूर्तिकार अब्दुल खलील 14 साल की उम्र से मूर्तियां बना रहे हैं। वे हर साल दुर्गा पूजा के लिए बड़ी-बड़ी मूतर्यिां बनाते हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल कहते हैं कि वे मूूर्तियों को पैसों के लिए नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए बनाते हैं। उनका मानना है कि देश में जो आए दिन हिंदू-मुस्लिम लोगों में विवाद की स्थिति बनी रहती है, ये नहीं होना चाहिए। यह मूर्तिकार हिंदुओं के त्योहारों को भी बड़ी ही धूमधाम से मनाता है।
अब्दुल खलील के अब्बू (पिता) नेशनल हाफिज सिद्दीकी स्कूल में लैब टेक्नीशियन थे। उन्हें मूर्ति बनाने का बहुत शौक था। उन्होंने मूर्ति बनाना सीखने के लिए एक बंगाली मूर्तिकार को अपना गुरू बना लिया। 14 साल की उम्र में ही अब्दुल ने भी ये कला पिता से सीख ली और जबसे पिता का देहांत हुआ है, तब से अकेले ही मूर्तियां बना रहे हैं।
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