कुछ दिन पहले अपने सल्लू भाई पहलवान बने थे और अब बने हैं आमिर! तब सल्लू की पहलवानी को देखकर मुंह से निकला था- ‘जब अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान’ और अब ‘दंगल’ में आमिर को देखकर निकला- शाब्बास छोरे…तैने तो लट्ठ गाड़ दिया!
भाई, स्टोरी-विस्टोरी की बात बाद में, पहले बात नोटों की! पूरी फिलिम में मेरा ध्यान तो सौ-सौ के उन नोटों पे था, जिन्हें गीता और बबीता ईनाम में जीत रही थीं। ऐसा मन कर था कि स्क्रीन में घुस जाऊं और सारे नोट उठा लूं। शर्त लगा के कह रहा हूं, अगर अभी भी कुश्ती जीतने पे सौ-सौ के नोट मिलते हों, तो आधा इंडिया आज से ही पहलवानी शुरु कर देगा। बाई गॉड!
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