बंगाल में हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं, स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती ही चली जा रही है. पहले साम्प्रदायिक दंगे और उसके बाद दंगा दीदी ममता के गुंडों द्वारा बीजेपी के दफ्तरों पर हमले इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि यदि बंगाल सरकार को जल्द ही बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन ना लगाया गया तो पूरा प्रदेश ही तबाह हो जाएगा. हालात की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ने अब केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
डॉक्टर स्वामी का कहना है कि इससे पहले कि बंगाल के हिंदुओं का हाल भी वही हो जाए जैसा कश्मीरी पंडितों का हुआ था, केंद्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. उन्होंने इसके लिए बाकायदा कानूनों का उदाहरण देकर समझाया कि किस तरह से हालात नियंत्रित किये जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार को सलाह देता हूं कि संविधान के अनुच्छेद 256 के अन्तर्गत बंगाल सरकार को निर्देश दिए जाएँ कि या तो क़ानून व्यवस्था ठीक करो जल्दी वरना अनुच्छेद 256 के तहत केंद्र सरकार बंगाल पर राष्ट्रपति शासन लगा सकती है, चाहे बंगाल में बहुमत में ही सरकार क्यों ना हो. इसलिए अनुच्छेद 256 के तहत बंगाल सरकार को साफ़ शब्दों में चेतावनी दी जानी चाहिए.
बंगाल में हो रहे दंगों को देखते हुए डॉक्टर स्वामी ने एक और तरीका सुझाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 247 के तहत एक अध्यादेश पारित करके सीनियर जिला मजिस्ट्रेट को बंगाल के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त कर सकती है, जिसके बाद ये जिला मजिस्ट्रेट दंगाइयों पर कार्यवाही के आदेश जारी कर सकते हैं.
डॉक्टर स्वामी के अलावा कई अन्य बीजेपी नेता भी अब बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात खुलकर करने लगे हैं. जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अब जल्द ही केंद्र सरकार बंगाल सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी.
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