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खुद का Business शुरू करने वालों के लिए सफलता का Secret है गीता के इन श्लोकों में....


कहते हैं गीता के हर श्लोक में इतनी ज्ञान की बातें हैं, कि अगर उन्हें हम ढंग से समझ लें, तो जीवन सफल है. भगवदगीता में लिखीं सालों पुरानी बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. ये सब जानते हुए भी हम शायद ही कभी गीता के संदेशों और उपदेशों को अपनी ज़िन्दगी में अपनाते हैं. हां, जब कोई बड़ा और सक्सेसफुल आदमी इस बारे में बात करता है, तो उसे पढ़ते ज़रूर हैं.
गीता में ऐसी कई बातें लिखी हुई हैं जिनको ऑफिस में 9 से 5 बजे तक अपना सिर खपाने वाला Employee पढ़-समझ कर वो बन सकता है, जो बनने का वो सपना देखता है. गीता के ये श्लोक उन लोगों के बड़े काम आएंगे, जो खुद का Business चला रहे हैं और उसे आगे बढ़ाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं.

ये हैं गीता के वो श्लोक, जिनसे हर Professional और Entrepreneur बहुत कुछ सीख सकता है:

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1. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन,मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि

ये दुनिया जिस ‘Karma’ को अब समझ रही है, उसके बारे में गीता में बहुत पहले बात हो चुकी है और उसे सबसे अच्छे से समझाया गया है इस श्लोक में. जिस परेशानी में आधे से ज्यादा Employee डूबे रहते हैं, वो है Result. ‘मैं अच्छा काम करता हूं, लेकिन Promotion उस निकम्मे को मिल जाता है’… मैं इस काम को ऐसे करूंगा, तो क्या Boss को पसंद आएगा?’
आधे से ज्यादा समय हम काम करने से ज्यादा उसके फल की चिंता करते हैं, इस चक्कर में काम को न तो एन्जॉय कर पाते हैं, न ही उस काम को करने की ख़ुशी हमें मिलती है. गीता कहती है कि हमें बस अपने कर्म पर फोकस करना चाहिए. उसका रिजल्ट कैसा होगा, वो हमारे फेवर में होगा भी या नहीं, उसकी चिंता छोड़ कर काम करोगे, तो कर्म का मज़ा ले पाओगे. पेड़ भी फल लगने से पहले अगर पूछने लग जाए कि फल मीठा होगा या नहीं, तो वो फल लगने की प्रक्रिया को कभी Enjoy नहीं कर पाएगा.
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