
SIP क्या है? जिन्हें शेयर बाजार Share Market के विषय में अधिक जानकारी नहीं है उनके लिए SIP के द्वारा निवेश करना ही बेहतर तरीका है जिससे निवेशक का जोखिम कम हो जाता है. SIP निवेश एवं बचत की ऐसी पद्धति है जिसके अंतर्गत कोई भी निवेशक एक निश्चित अंतराल में एक निश्चित राशि अपने निर्धारित शेयर Shares अथवा म्यूच्यूअल फण्ड Mutual Fund में निवेश करता रहता है. Gold यानि सोने जैसी कमोडिटी में भी SIP द्वारा निवेश किया जाता है. SIP द्वारा निवेश करने से अनुशासित तरीके से निवेश करना आसान हो जाता है तथा निवेश का जोखिम भी कम हो जाता है.
1.रूपये के जुङते रहने की शक्ति (Power of Compounding)
छोटा निवेश छोटी राशि निवेश के लिए निकालना आसान होता है. लम्बे समय तक छोटी छोटी राशि का निवेश आपको बड़े रिटर्न दे सकता है.निवेश गुरू सुझाव देते हैं कि एक व्यक्ति को हमेशा जल्दी निवेश शुरू करना चाहिये इसका एक मुख्य कारण है चक्रवृद्धि ब्याज मिलने का लाभ। चलिये इसे एक उदाहरण से जानें।
प्रसून(अ) 30 साल की उम्र से 1,000 रूपये हर साल बचाना शुरू करता है,वहीं प्रसूव (ब) भी इतना ही धन बचाता है लेकिन 35 साल की आयु से। जब 60 साल की उम्र में दोनों अपना निवेश किया हुआ पैसा प्राप्त करते हैं तो (अ) का फंड 12.23 लाख होता है और (ब) का केवल 7.89 लाख। इस उदाहरण में हम 8% की दर से रिटर्न मिलना मान सकते हैं। तो ये साफ है कि शुरू में 50,000 रूपये निवेश का फर्क आखिरी फंड पर 4 लाख से ज्यादा का प्रभाव डालता है। ये रूपये के जुङते रहने की शक्ति (Power of compounding) के कारण होता है। जितना लंबा समय आप निवेश करेंगे उतना ज्यादा आपको रिटर्न मिलेगा।
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