New Delhi: ‘बहन, तेरा इंतजार करते-करते मां हम सबको छोड़कर चली गई’। 12 साल बाद जब सीमा अपने भाइयों से मिली तो उसके भाई रोते-रोते बस यही कहते रहे। अपने पिता और भाइयों से मिलकर सीमा सब से लिपट-लिपटकर रोती रही। यह मिलाप देखकर कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मियों की आंखें भी छलक आई।
हरियाणा के झज्जर के बेरी गांव निवासी सीमा शर्मा अक्तूबर 2004 में दिल्ली के नागलोई थाना क्षेत्र से लापता हो गई थी। वह दिल्ली में अपने पति मनोज कुमार शर्मा के साथ रहती थी।
सीमा का आरोप है कि उसके देवर ने उसे मारा था और उसे मरा समझ कर कहीं छोड़ दिया था। हालांकि इसके बारे में उसे ज्यादा ध्यान नहीं है। सोमवार को जब वह गंगनहर कोतवाली पहुंची तो उसने पुलिस को आपबीती सुनाई थी।
उसके बाद एसएसआई देवराज शर्मा और एसआई हीरा सिंह लिंगवाल ने उसके परिजनों का पता लगाने में जुटे। पता चला कि उसका पति मनोज कुमार शर्मा दिल्ली पुलिस में एएसआई के पद पर तैनात है।
उसके बाद रुड़की पुलिस ने सीमा के भाई, पिता का पता लगाया। 12 साल बाद सीमा के मिलने की खबर जब उसके भाई मनोज कुमार, विजय, अशोक और पिता अमरनाथ को मिली तो वह तुरंत गंगनहर कोतवाली पहुंचे।
जैसे ही भाई-बहन ने एक-दूसरे को देखा तो सभी लिपट-लिपट कर रोने लगे। पिता भी बेटी को गले लगाकर खूब रोए। भाइयों ने बताया कि मां तेरा इंतजार करते हुए हम सबको छोड़कर चली गई है।
वर्ष 2012 में उसकी मौत हो गई है। मनोज कुमार ने बताया कि उनकी बहन को उसका देवर परेशान करता था। वह यह बात जानते थे।
उन्हें पूरा संदेह था कि उसकी बहन को गायब करने में उसके देवर का ही हाथ है। इस संबंध में दिल्ली के नागलोई थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है। दिल्ली की क्राइम ब्रांच इसकी जांच पड़ताल कर रही है।
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