प्राचीन काल से ही कबूतरों को संदेशवाहक समझा जाता था। दोनों विश्व युद्धों में भी कबूतरों का इस्तेमाल बतौर संदेशवाहक किया गया। मगर इन्होंने बतौर फोटोग्राफर भी सेवाएं दीं। साल 1907 में इनके गले में कैमरा बांधकर फोटो लेने का प्रोजेक्ट था।
जासूसी दुनिया में इनका रोल देखकर चौंक जाएंगे आप देखिये....
in
Ajab Gajab
0 comments: