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क्या आप जानते है? बुखार होने पर तेज पसीना आना किस बात का संकेत है, जानिए...

 

आपने अक्सर यह कहते हुए सुना होगा कि जब बुखार हो, तो पसीना आने से वह कम हो जाता है। इसलिए लोग कोशिश करते हैं कि बुखार आने पर अधिक से अधिक गर्म कपड़े ओढ़े जाएं, ताकि शरीर का तापमान बढ़ जाए और पसीना आ जाए। लेकिन यह करना उनकी सबसे बड़ी गलती है।

2. शरीर का तापमान

दरअसल बुखार के दौरान अधिक गर्म कपड़े लेने से शरीर का तापमान और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इससे कभी भी बुखार कम नहीं होता, इसकी बजाय हमें शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। यह सब हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक्सपर्ट्स का कहना है।

3. क्या करते हैं सब

विशेषज्ञों के अनुसार जब भी किसी व्यक्ति को बुखार हो जाए, तो उसके शरीर का तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। ऐसे में घर वाले सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि उसे गर्म कपड़े या भारी कंबल ओढ़ने को देते हैं। ऐसा करने से ना केवल रोगी के शरीर का तापमान बढ़ता है, बल्कि साथ ही अधिक गर्मी लगने से उसे बेचैनी भी होने लगती है।

4. तापमान को कम करना चाहिए


यह बात मानने योग्य है कि बुखार होने पर रोगी को ठंड लगने लगती है, इसलिए भी उसे गर्म कपड़े दिए जाते हैं। लेकिन इसके स्थान पर हमें सबसे पहले उसके शरीर के तापमान को कम करने के उपाय करने चाहिए।

5. एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट्स की राय में हमें रोगी के शरीर पर स्पांजिंग करनी चाहिए। ठंडे पानी में पट्टियां भिगोकर उसके माथे पर लगानी चाहिए। यह शारीरिक तापमान कम करने का सबसे बढ़िया एवं आसान तरीका माना जाता है।

6. डॉक्टर से दवा ले

यदि इससे भी आराम ना मिले, तो किसी डॉक्टर से सही दवा ले लेनी चाहिए। स्पांजिंग एवं दवा दोनों के असर से बुखार कम होने लगता है। बुखार कम करने का एक और आसान तरीका है, और वह यह कि रोगी को अधिक से अधिक लिक्विड पदार्थ पिलाएं।

7. पौष्टिक आहार लें



जैसे कि पानी, फलों का जूस, जिसके सेवन से मरीज को यूरीन जाने की आवश्यकता पड़े। एक्सपर्ट्स की राय में शौच जाने से शारीरिक तापमान कम होता है और बुखार चला जाता है।

8. ऐसा ना करें

लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि बुखार के दौरान मरीज को गर्माहट पहुंचाना बेहद जरूरी है। क्योंकि बुखार में रोगी को ठंड लगने लगती है, जिसके बचाव के लिए कंबल या ऊपर ओढ़ने के लिए कुछ देना जरूरी होता है। लेकिन यही सबसे बड़ा मिथक है।

9. बैक्टीरिया का असर


दरअसल बुखार के दौरान मरीज को ठंड लगती ही नहीं है, यह बुखार के कारण उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया का असर होता है। दरअसल वायरल होने पर शरीर वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए तापमान को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है। वास्तव में तो रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने की वजह से ही शरीर में कंपकपी होती है।

10. इसलिए ऐसा ना करें


ऐसे में लोग मरीज के नीचे और ऊपर कई सारे कंबल बिछा देते हैं, जबकि ऐसा करने से तो शरीर का तापमान और ज्यानदा बढ़ जाता है। और शरीर का तापमान बहुत ज्यादा हो जाना घातक हो सकता है। तो बेहतर होगा कि यदि ठंड अधिक लग रही हो तो हल्का कम्बल ही मरीज को ओढाएं।
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