घर से ऑफिस जल्दी में निकलने की वजह से कभी-कभी बेसिक मेकअप करना रह जाता है। तो मैंने ऑफिस पहुंचे ही सीट पर बैठ कर काजल लगा लिया, ताकि हुलिया थोड़ा सही लगे। जैसे ही अपनी सीट पर वापस आई, मेरे कलीग ने कह दिया,
'यार तुमसे से उम्मीद नहीं थी'। इस लाइन का मतलब पूछा, तो उसने कहा कि वो सोचता था, मैं उन लड़कियों की तरह नहीं हूं, जो कभी ऑटो में, कभी मेट्रो में मेकअप करती हुई दिख जाती हैं। मुझे ये बात बोलने वाला कलीग ख़ुद हर शाम को आराम से देव की बौछार करता है।
बस उस बात से एक बहस शुरू हुई कि लोगों को मेकअप करती हुई लड़की से इतनी प्रॉब्लम क्यों है?
क्यों पसंद नहीं?
आपको मेकअप करता हुआ देख कर लोगों को अपने प्राइवेट स्पेस के साथ छेड़-छाड़ लगती है। लेकिन इसी बाद को ऑफिस की एक सीनियर ने कुछ यूं कह कर खारिज किया कि अगर लोगों को लगता है कि हर लड़की बिना ढंग से तैयार हुए अच्छी लगती है, तो ये उनकी ग़लतफ़हमी है। बिस्तर से बाहर लुक सिर्फ़ बोलने के लिए होता है, ऐसा असलियत में कुछ नहीं होता। आपको तैयार होने के लिए टाइम चाहिए और इसमें कोई बुराई नहीं है। लोगों को ये स्वीकार करना करना पड़ेगा कि कुछ लोगों को ख़ुद को अच्छे से प्रेजेंट करना पसंद होता है।
लिपस्टिक लगाने और मेकअप की दुकान लगाने में फ़र्क है
मेट्रो या बस में बैठे हुए टचअप करने या लिपस्टिक लगाना अलग बात है और अपना वैनिटी बॉक्स खोल के बैठ जाना अलग। उन लड़कियों को ज़रूर बोला जाना चाहिए तो बरौनी भी चलती मेट्रो में इस्तेमाल करती हैं। लेकिन जब लोग काजल लगा रही एक लड़की को भी घूर रहे होते हैं, तो ज़रूर गुस्सा आता है। 34 प्रतिशत ने कहा हां, 26 परसेंट को ये पसंद नहीं है, लेकिन बाकी 40 परसेंट ने कहा, ये तब तक ठीक है, जब आप हल्का टचअप कर रहे हों।
अपनी कहानी शेयर करते हुए एक फ्रेंड बताती हैं कि एक बार उन्हें 10 मिनट में मीटिंग में जाने को बोला गया। उसने फटाफट कैब मंगवाई और मीटिंग के लिए निकली। रास्ते में उनसे थोड़ा टचअप कर लिया, ताकि सामने आने लगे। ये अच्छा तरीका का टाइम बचाने का। इस बात से इतना तो समझ आया ही, कि ज़्यादातर लड़कियां टाइम सेव करने के लिए टचअप करती हैं। लेकिन ये समझ एक लड़की में होनी चाहिए कि वो ऑफिस में बैठ कर इत्र के स्प्रे से सबको घायल न कर दे।
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