नई दिल्ली। इंसानों के गांवों के बारे में तो खूब देखा सुना होगा,लेकिन, यह सच्चाई है कि अफ्रीकी देश घाना में कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर समाज या परिवार द्वारा घोषित चुडैले निवास करती है। इन गांवों को चुडैल के गांव के नाम से ही पहचाना जाता है। यहां एक दो नहीं बल्कि पूरे छह गांव।
अंधविश्वास -अशिक्षा के चलते अफ्रीकी देश घाना में लोग आज भी अंधविश्वास के शिकार है। इसी अंधविश्वास के चलते यहां पर चुडैलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि पूरे के पूरे छह गांव बस गए हैं। शायद यह पढ़कर आपको भी विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। यहां पर इन गांवों में इस समय करीब 1500 से अधिक चुड़ैल रह रही हैं। जिन्हें डायन नाम से भी बुलाया जाता है।
अगर यहां पर किसी महिला के पति की मौत, बीमारी, दुघर्टना, सांप काटने या नदी में डूबने से होती है तो उस महिला को चुड़ैल घोषित कर दिया जाता है। परिवार एवं समाज के दबाव के आगे यह महिलाएं विरोध करने की हिम्मत भी नहीं कर पाती।
इसके बाद उसे एक सामान्य महिला की श्रेणी से अलग कर दिया जाता है। उसे खाना-पीना भी नहीं दिया जाता है। ये लोग ऐसा मानते है कि ये महिलाएं डायन हो गई हैं। जिससे यहां पर हर साल हजारों महिलाओं को चुड़ैल बताकर जिंदा जला दिया जाता है।समाज की मुख्यधारा से कटने के बाद गांव-परिवार छोड़कर चुड़ैलों के गांव में रहने वाली ये महिलाएं अपनी पहचान खो चुकी होती हैं।
अंधविश्वास -अशिक्षा के चलते अफ्रीकी देश घाना में लोग आज भी अंधविश्वास के शिकार है। इसी अंधविश्वास के चलते यहां पर चुडैलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि पूरे के पूरे छह गांव बस गए हैं। शायद यह पढ़कर आपको भी विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। यहां पर इन गांवों में इस समय करीब 1500 से अधिक चुड़ैल रह रही हैं। जिन्हें डायन नाम से भी बुलाया जाता है।
अगर यहां पर किसी महिला के पति की मौत, बीमारी, दुघर्टना, सांप काटने या नदी में डूबने से होती है तो उस महिला को चुड़ैल घोषित कर दिया जाता है। परिवार एवं समाज के दबाव के आगे यह महिलाएं विरोध करने की हिम्मत भी नहीं कर पाती।
इसके बाद उसे एक सामान्य महिला की श्रेणी से अलग कर दिया जाता है। उसे खाना-पीना भी नहीं दिया जाता है। ये लोग ऐसा मानते है कि ये महिलाएं डायन हो गई हैं। जिससे यहां पर हर साल हजारों महिलाओं को चुड़ैल बताकर जिंदा जला दिया जाता है।समाज की मुख्यधारा से कटने के बाद गांव-परिवार छोड़कर चुड़ैलों के गांव में रहने वाली ये महिलाएं अपनी पहचान खो चुकी होती हैं।
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