- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन ब्याज पर सब्सिडी योजना की 10 खास बातें...
- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम फॉर मिडिल इन्कम ग्रुप्स (सीएलएसएस - एमआईजी) के तहत होम लोन के वे सभी आवेदन आएंगे, जो 1 जनवरी, 2017 से अब तक मंज़ूर हो चुके हैं, या जो फिलहाल विचाराधीन हैं. इसके तहत लाभ लेने के लिए आवेदक के नाम से पहले से कोई घर नहीं होना चाहिए.
- योजना के तहत 12 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 90 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले और 18 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 110 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले घर खरीदने या बनवाने पर लिए गए गृहऋणों पर ही यह लाभ दिया जाएगा.
- योजना के अंतर्गत लाभ उन्हीं गृह ऋणों पर दिया जाएगा, जिनकी अवधि 20 साल या उससे कम होगी.
- नेशनल हाउसिंग बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी (एमडी एवं सीईओ) श्रीराम कल्याणरमन का कहना है कि यदि 8.65 प्रतिशत की सामान्य गृहऋण ब्याज दर के हिसाब से देखा जाए, तो नौ लाख रुपये के गृहऋण पर मिलने वाली चार फीसदी सब्सिडी से ईएमआई 2,062 रुपये प्रतिमाह कम हो जाएगी, और 12 लाख रुपये के गृहऋण पर मिलने वाली तीन फीसदी सब्सिडी से ईएमआई 2,019 रुपये प्रतिमाह कम हो जाएगी,
- ऋण की इन रकमों पर बनने वाली कुल ब्याज सब्सिडी एक ही बार में सरकार द्वारा बैंक को चुका दी जाएगी, जिससे आवेदक की ईएमआई का बोझ हल्का हो जाएगा.
- मध्यम आय वर्ग के लोगों को नौ लाख रुपये तथा 12 लाख रुपये के कर्ज़ पर 20 साल की अवधि में मिलने वाली सब्सिडी लगभग 2.30 लाख रुपये बैठेगी (जिसका हिसाब 20 वर्ष के गृहऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज दर के आधार पर लगाया गया है...)
- योग्य आवेदकों को सीएलएसएस - एमआईजी के तहत ब्याज सब्सिडी का लाभ पाने के लिए बैंक (ऋण देने वाले) के पास आवेदन करना होगा.
- ब्याज सब्सिडी को नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) तथा हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) सीधे ऋणदाता को दे देंगे. ऋणदाता इसके लिए कर्ज़ा लेने वालों से कोई अतिरिक्त प्रोसेसिंग फीस नहीं ले सकेंगे.
- वाणिज्यिक बैंकों के अतिरिक्त हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य तथा अर्बन कोऑपरेटिव (सहकारी) बैंक, छोटे वित्तीय बैंकों जैसे अन्य वित्तीय संस्थान तथा गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां-माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी इस योजना के तहत गृहऋण दे सकेंगी.
- योजना को लागू करने के लिए बुधवार को 45 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, 15 बैंकों, दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एक कोऑपरेटिव बैंक, चार छोटे फाइनेंस बैंकों तथा तीन गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों-माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं.
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