नई दिल्ली (24 मार्च): आगामी एक अप्रैल से रेलवे में बहुत बदलाव देखने को मिलेगा। अभी तक वेटिंग के टिकिट कंफर्म न होने पर यात्रा रद्द करनी पड़ती थी, या फिर जो वेटिंग के टिकिट पर यात्रा करते पाये जाते थे उन्हें बिना टिकट मान कर जुर्माना वसूला जाता था। लेकिन अब यात्रियों की सुविधा के लिये रेलवे ने 'विकल्प' नाम की सुविधा शुरु की है। इस सुविधा तहत यात्रियों द्वारा आरक्षित किये गये टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो वह ऐसी स्थिति में उन्हें अन्य ट्रेनों में आरक्षण का विकल्प मुहैया कराया जायेगा।
फिल्हाल यह सुविधा 1 अप्रैल दिल्ली-जम्मू और नयी दिल्ली-लखनऊ मार्गों पर भी विकल्प सेवा को लागू किया गया है।विकल्प की सुविधा राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में उपलब्ध नहीं होगी। इस सुविधा के तहत प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्री अपने यात्रा टिकट की पुष्टि के लिए विकल्प सेवा चुन सकते हैं। इसमें यात्री स्वतंत्र होगा कि वह दूसरी ट्रेन में सफर करना चाहता है कि नहीं? इस योजना की घोषणा फरवरी में पेश हुए रेल बजट में की गई थी, इस कारण इस सेवा को शुरू किया गया है। यह सेवा केवल मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में लागू की जा रही है। शुरुआती तौर पर विकल्प योजना केवल ई-टिकट के लिए ही उपलब्ध होगी।
इस स्कीम के तहत, वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को विकल्प स्कीम के चयन का मौका मिलेगा। विकल्प में उन यात्रियों का चयन किया जाएगा जिनका नाम चार्ट तैयार होने के बाद भी कन्फर्म नहीं होता है। इसके लिए न तो किसी यात्री से कोई अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा और न ही किराए में अंतर होने पर रिफंड की सुविधा दी जाएगी। रेल यात्री को अल्टरनेट ट्रेन में सीट आबंटित कर दिए जाने के बाद उसे सामान्य यात्री ही माना जाएगा और वो अपग्रेडेशन के पात्र होंगे। वेटिंग लिस्ट वाले यात्री जो विकल्प योजना का विकल्प चुनेंगे उन्हें चार्ट तैयार होने के बाद पीएनआर स्टेटस चेक करना होगा। जब विकल्प का चयन करने वाला कोई यात्री कैंसिल का विकल्प चुनता है इसके बाद उसे अल्टरनेट अकोमडेशन दे दिया जाता है और वो एक कन्फर्म्ड पैसेंजर के तौर पर माना जाता है। इसके बाद भी कैंसिलेशन के नियम नियमता लागू होंगे।
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