नई दिल्ली : यूपी के जो लड़के, लड़कियों को परेशान करते रहे हैं उनको जो सजा आदित्यनाथ योगी की पुलिस दे रही है उसमें किसी को भी कोई एतराज नहीं है. सवाल सिर्फ रोमियो नाम के इस्तेमाल को लेकर है. लड़कियों को परेशान करने वालों की पहचान रोमियो क्यों? रोमियो शेक्सपियर के मशहूर नाटक रोमियो जूलियट का एक पात्र है.
कोई ये सवाल नहीं उठा रहा है कि लड़कियों की हिफाजत के लिए ऐसी मुहिम चलनी चाहिए. सवाल रोमियो नाम को लेकर है. रोमियो का न अतीत काला, न उस पर बदनामी का एक भी धब्बा. फिर क्यों मनचले का नाम और पहचान रोमियो होना चाहिए.
यूपी में एंटी रोमियो दल बनाकर योगी सरकार ने मनचले को रोमियो का नाम और पहचान दे दी है. मनचला है तो रोमियो ही होगा, इस पर सरकारी मुहर लग गई है. और तो और यूपी के राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे राम नाईक जैसे पुराने नेता भी कह रहे हैं कि विवाद खड़ा करना कतई ठीक नहीं है. रोमियों से लड़कियों को तकलीफ होती थी.
रोमियो ने तो अपनी जिंदगी में सिर्फ एक लड़की जूलियट को छुआ था जिससे वो बेइंतहां मोहब्बत करता था. जूलियट के लिए भी जिंदगी का मतलब ही रोमियो था.
रोमियो ने कभी किसी लड़की को नहीं छेड़ा. किसी और लड़की को बुरी नजर से नहीं ताका. किसी को भद्दे इशारे नहीं किए, भद्दी बात नहीं कही. रोमियो न तो आज है, न कल था. फिर भी शेक्सपियर का रोमियो हर रोज कहीं न कहीं किसी और के गुनाह की सजा पाता है.
जिस रोमियो को शेक्सपियर ने गढ़ा था वो तो निश्चल और पवित्र प्रेम का प्रतीक था. रोमियो ने कभी किसी महिला को बुरी नजर से देखा हो, फब्तियां कसी हो, किसी की अस्मत पर हाथ डाला हो, शेक्सपियर के रोमियो का इन सबसे दूर दूर तक नाता नहीं था. उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसे एक लड़की जिसका नाम जूलियट था से मोहब्बत हो गई थी.
शेक्सपियर के रोमियो की मोहब्बत एकतरफा नहीं थी. उसकी माशूका जूलियट भी रोमियो से बेइंतहां मोहब्बत करती थी. आगे कुछ और जानने या समझने से पहले एक बात गांठ बांध लीजिए कि रोमियो और जूलियट कोई ऐसे इंसान नहीं थे जो इसी पृथ्वी पर किसी देश में जन्म थे. रोमियो और जूलियट शुद्ध रूप से अंग्रेजी के मशहूर नाटककार विलियम शेक्सपियर की कल्पना के दो नाम हैं जिन्हें नाटक के दो किरदार के तौर पर पेश किया गया था.
प्यार, मोहब्बत और त्याग की रोशनाई से शेक्सपियर ने लिखा था रोमियो और जूलियट पर नाटक. ऐसी ट्रैजिक लव स्टोरी जिसकी हैप्पी एंडिंग शेक्सपियर ने अपने नाटक में नहीं की थी.
रोमियो और जूलियट की कहानी इटली के वेरोना की है. रोमियो और जूलियट के परिवारों में खानदानी दुश्मनी थी लेकिन खानदानी रंजिश से अनजान रोमियो और जूलियट एक दूसरे को दिल दे बैठे. कहा जाता है कि दोनों ने परिवारों को बताए बिना शादी भी कर ली थी. सुहाग रात से पहले रोमियो के हाथ से जूलियट के हाथों रिश्ते के भाई की हत्या हो जाती है. रोमियो को शहर छोड़ना पड़ता है.
उधर जूलियट पर परिवार वाले पर दूसरे लड़के पेरिस से शादी के लिए दबाव डालते हैं. परिवार को धोखा देने के लिए जूलियट नींद की दवा खा लेती है. परिवार वाले मरा समझ लेते हैं. लेकिन रोमियो जूलियट के प्लान से बेखबर था. रोमियो जब उसके पास लौटा तो उसे मरा हुआ समझ लिय़ा.
जूलियट के बिना रोमियो टूट चुका था. उससे रहा नहीं गया. उसने सोचा कि जूलियट के बिना क्या जीना. वो भी वहीं जाएगा जहां जूलियट गई है. रोमियो ने अपनी भी जान दे दी.
तब तक जूलियट की नींद टूट चुकी है लेकिन बहुत देर भी हो चुकी होती है. रोमियो को मरा देखकर जूलियट ने भी वही सोचा कि बिना रोमियो वो जीकर क्या करेगी.
एक दूसरे के दीवाने जूलियट और रोमियो एक दूसरे से बिछड़ने के गम में बारी बारी मौत को गले लगा लेते हैं. सिर्फ इस आस में साथ जी नहीं पाए तो क्या हुआ साथ मर तो सकते हैं.
बस इतनी ही कहानी है रोमियो और जूलियट की. इस कहानी में कहीं भी आपको रोमियो विलेन लगता है? लड़की को सताने वाला मनचला लगता है? क्या जूलियट को लेकर उसके मन में कहीं कोई गंदगी दिखती है?
सदियां गुजर रही हैं. पीढ़ियां बदल रही हैं लेकिन रोमियो और जूलियट के पाकीज मोहब्बत और त्याग की कहानी अमर है और न जाने कब तक अमर रहेंगी.
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