
देश के बड़े बड़े सेक्युलर पत्रकार और मीडिया एजेंसियां बहुत रो रही है
रो इसलिए रही है क्योंकि, गैर क़ानूनी काम को यूपी में रोका जा रहा है, जी हां
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने ही यूपी सरकार को आदेश दिया था की, गैर क़ानूनी कत्लखाने बंद किये जाये
पर वोटबैंक वाली सरकार ने गैर क़ानूनी काम होने दिया
अब योगी सरकार आयी तो कानून के पालन के तहत ही कत्लखाने बंद किये गए है, अब इस अच्छे काम की सेक्युलर मीडिया वाले खूब आलोचना कर रहे है
इस से पहले भी मीडिया वाले ऐसे देश और समाज विरोधी गतिविधियां करते ही आये है, इसी कारण भारतीय मीडिया को वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने दुनिया में दूसरी सबसे नीच मीडिया का 2017 में दिया
कदाचित 2018 में ये मीडिया नीचता में नंबर 1 होगी
अब इन्ही मीडिया वालो की आज अनुपम खेर ने भी आलोचना की है
अनुपम खेर ने कहा है की, बहुत से मीडिया के लोगों की कबाब में हड्डी आ गयी है, और इसी कारण ये लोग बहुत परेशान हो चुके है
बता दें की लखनऊ में टुंडे कबाब की तमाम दुकाने गैर क़ानूनी तौर पर मांस खरीद रही थी
जैसे ही गैर क़ानूनी कत्लखाने बंद हुए ये दुकाने भी बंद होने लगी, और इसके बाद मीडिया वालो ने इसे राष्ट्रीय समस्या बता दिया और डिबेट चलवाई गयी
जबकि ये दुकाने भी गैर क़ानूनी काम कर रहे थे, चूँकि गैर क़ानूनी माल खरीदना भी अपराध है
पर मीडिया के लोग भारत और हिन्दू विरोध में इतना नीचे गिर चुके है, की गैर क़ानूनी चीजों के भी समर्थन में निकल जाते है
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