पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममाता बनर्जी ने 28 मार्च 2017 को जलपाईगुड़ी में हुए एक कार्यक्रम में कहा की
रोज़ा इफ्तार करना नहीं छोडूंगी भले ही अपना धर्म छोड़ दू
ममाता बनर्जी जलपाईगुड़ी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भाषण दे रही थी, जहाँ ममाता बनर्जी ने कहा की, पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिकता की कोई जगह नहीं है, बीजेपी और आरएसएस देश में नफरत फैला रहे है
पश्चिम बंगाल में मैं ये नहीं होने दूंगी, और मैं सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खुद हर साल रोज़ा इफ्तार रखती हूँ,
आरएसएस और बीजेपी के लोग इसके खिलाफ बोलते है
पर अगर रोज़ा इफ्तार करना धर्म के खिलाफ है, तो मैं धर्म ही छोड़ दूंगी, पर बार बार रोज़ा इफ्तार करुँगी
ममाता बनर्जी ने स्वयं को सेक्युलर नेता बताया और कहा की, जबतक वो मुख्यमंत्री है
तब तक पश्चिम बंगाल में सेकुलरिज्म जारी रहेगा
बता दें की ममाता बनर्जी खुद को सेक्युलर बता रही है, परंतु सत्य ये है की पश्चिम बंगाल में घोर साम्प्रदायिकता स्वयं ममाता बनर्जी ही चला रही है
जहाँ धर्म के नाम पर फैसले किये आज रहे है, हज टावर बनाया जा रहा है, कुरआन पढ़ाने के लिए मस्जिद मदरसों को 2815 करोड़ हर साल दिए जा रहे है
वहीँ हिन्दुओ के पूजा पर भी रोक लगायी जा रही है, पिछले सरस्वती पूजा में भी कई बालिकाओं का सर फोड़ दिया गया परंतु पूजा नहीं करने दी गयी
ऐसी ममाता बनर्जी स्वयं को सेक्युलर और बीजेपी आरएसएस को कम्युनल बता रही है
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