प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह अब एक नया आयोग बनाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले के बाद अब सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े लोगों के हित में काम करने के लिए नेशनल कमीशन फॉर सोशल एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्लासेस (NSEBC) का गठन किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक इस फैसले से देश में ओबीसी कैटेगरी के लिए भी एससी-एसटी कमीशन की तर्ज पर NSEBC का गठन किया जाएगा. NSEBC एक संवैधानिक संस्था होगी और ओबीसी सूची में नई जाति का नाम जोड़ने अथवा हटाने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी हो जाएगी.
NSEBC के गठन की कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब केन्द्र सरकार संविधान में संशोधन प्रस्ताव लाएगी. फिलहाल ओबीसी सूचीमें जातियों को जोड़ने अथवा हटाने का काम सरकार के स्तर पर किया जाता है. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार का यह फैसला जाट आरक्षण समेत देश में ओबीसी आरक्षण की अन्य मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
केन्द्रीय कैबिनेट ने दी ये मंजूरी:
1. सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय कमीशन का गठन किया जाएगा. इसके लिए संविधान में संशोधन कर अनुच्छेद 338B जोड़ा जाएगा.
1. सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय कमीशन का गठन किया जाएगा. इसके लिए संविधान में संशोधन कर अनुच्छेद 338B जोड़ा जाएगा.
2. संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 में अनुच्छेद 342A को जोड़ते हुए प्रावधान किया जाएगा कि केन्द्र सरकार की ओबीसी सूची में जाति का नाम जोड़ने अथवा हटाने के लिए संसद की मंजूरी लेना आवश्यक होगा.
3. संविधान के अनुच्छेद 366 में 26C प्रावधान को जोड़ते हुए देश में सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों की परिभाषा दी जाएगी.
4. पहले से मौजूद नैशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस एक्ट, 1993 कानून को रिपील किया जाएगा.
5. इस एक्ट के तहत गठित ओबीसी कमीशन को भंग किया जाएगा.
6 संविधान में संशोधन के जरिए नए आयोग नैशनल कमीशन फॉर सोशल एंड एजुकेश्नली बैकवर्ड क्लासेस (NSEBC) का गठन किया जाएगा. इस आयोग के लिए एक चेयरपर्सन, एक वाइस चेयरपर्सन और तीन सदस्यों का प्रावधान किया जाएगा.
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