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लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में लगी 38 करोड़ की घास, राज्यमंत्री के निरीक्षण में सामने आया फिजूलखर्च

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में लगी 38 करोड़ की घास, राज्यमंत्री के निरीक्षण में सामने आया फिजूलखर्च

बुधवार को आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचे तो वहां के खर्च सुनकर दंग रह गए।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। अखिलेश सरकार की परियोजनाओं में हुई गड़बड़ी और फिजूलखर्ची की पड़ताल जारी है। बुधवार को आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचे तो वहां के खर्च सुनकर दंग रह गए। 38 करोड़ से तो केवल घास और पेड़ ही लगाए गए हैं। वहीं चीन से 16 लाख में नाव (एक नाव की कीमत) मंगाई गई। इस खर्च को सुनकर मंत्री ठहर गए और कहा कि कश्मीर से नाव मंगा लेते तो एक लाख से कम में मिल जाती।
पासी बोले, 'डल झील में कितनी खूबसूरत नाव (गंडोला) हैं तो आप लोग चीन से नाव क्यों खरीद लाए। सब गड़बड़ घोटालों की तरफ इशारा करता है।' उन्होंने कहा कि जो पार्क 40 करोड़ में तैयार हो जाता है, उसको कमीशनखोरी के लिए 400 करोड़ में तैयार किया गया। इन घोटालों में अफसर भी शामिल हैं।
एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह से लेकर कोई अभियंता जवाब देने की स्थिति में नहीं लग रहा था। मंत्री ने छोटे साइज के खंभे के बारे में पूछा तो बताया गया कि 1.28 लाख का है। इस पर उन्होंने कहा कि एक लाख में तो सरकार गरीबों के लिए इंदिरा आवास बना देती है और आप उससे महंगा खंभा खरीद लाए। पार्क में लाइट ही करनी थी तो फिजुलखर्ची क्यों की गई? आप लोगों के घर का पैसा था? आम जनता का पैसा कैसे बर्बाद किया गया यह इसका उदाहरण है। 28 हजार का खंभा भी आता है। कोई बचेगा नहीं। हर किसी को सजा भुगतनी होगी।
उन्होंने कहा कि तकनीकि टीम खरीदे गए सामान का परीक्षण करेगी और दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा। मंत्री ने बड़े खंभे का दाम पूछा तो बताया गया कि नौ लाख का है। मंत्री ने कहा कि खर्च करने में आप लोगों ने महारत हासिल कर ली है। मंत्री ने 88 लाख की तीन एलईडी की खरीद पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने पार्क में लगी जनेश्वर मिश्र की कांस्य की बनी प्रतिमा का दाम पूछा तो सुनकर दंग रह गए। प्रतिमा का खर्च तीन करोड़ बताया गया।
यह तो ध्वज का अपमान है: नाराजगी भरे भाव में मंत्री ने पार्क में लगे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में पूछा तो अधिशासी अभियंता एके सिंह ने कहा कि 1.39 करोड़ में लगा था। इस पर एलडीए उपाध्यक्ष ने सफाई दी कि सिर्फ झंडा नहीं बल्कि उसे लगाने तक में इतनी रकम खर्च हुई है। मंत्री ने कहा कि इससे अधिक शर्म की बात क्या होगी कि राष्ट्रीय ध्वज की खरीद में भी बेइमानी की गई। किसी आम आदमी से कीमत पूछ ली जाए तो वह सही कीमत बता देगा। झंडा भी 12 बार फट चुका है।

चोरी रोकने की उम्मीद न करें: गुस्से में दिख रहे मंत्री ने कहा कि जनेशवर मिश्र पार्क की पार्किंग से बाइक व कार चोरी होने की बात सामने आई है लेकिन उन्होंने इशारों में एलडीए अधिकारियों पर कटाक्ष किया और कहा कि चोर से चोरी रोकने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। मंत्री ने जनेश्वर मिश्र का काम देख रहे अधिशासी अभियंता अवधेश तिवारी से पूछा कि हकीकत में बताइएगा कि आपका कौन कौन रिश्तेदार एलडीए में ठेकेदारी कर रहा है। अभियंता दबी जुबान से न कहते दिखे।
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