कांग्रेस की अगुवाई में देश के 13 विपक्षी दल बुधवार को देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले, विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से ईवीएम, अलवर घटना और सुरक्षा एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल की शिकायत की. इस प्रतिनिधिमंडल में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और डॉ. मनमोहन सिंह शामिल थे. इसके अलावा सिंधिया, एके एंटोनी, खड़गे. जय प्रकाश नारायण, सतीश मिश्रा, डी. राजा और अहमद पटेल जैसे कांग्रेस के बड़े चेहरे भी मुलाकात का हिस्सा बने.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बाहर निकले कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है.
आजाद ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ के ताजा आरोप देश की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं. राज्य सभा की संवैधानिक स्थिति को बाईपास और कम करने के लिए महत्वपूर्ण बिलों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, '13 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की. लोकतंत्र में कानून प्रबल होना चाहिए. पूरे देश में, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को परेशान किया जा रहा है.'
बीजेपी पर निशाना साधते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'लोकतंत्र खत्म हो चुका है. गोवा और मणिपुर इसके हालिया उदाहरण हैं. जम्मू और कश्मीर में सरकार लगातार विफल रही. इतिहास और संस्कृति पर हमला हुआ खास कर नेहरु स्मारक पर.'
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