नई दिल्ली: राजस्थान में जालौर के भांडवपुर में जैन मुनि जयंतसेन सुरीशवरजी महाराजसाहेब का सोमवार को निधन हो गया. 81 वर्षीय जैन मुनि को मुखाग्नि देने के लिए एक बड़े कारोबारी घराने ने 33.5 करोड़ रुपयों की बोली लगाई.
उन्हें अंतिम बार नहलाने, चंदन लगाने, उनके शरीर को गर्म शॉल से ढकने जैसे कामों के लिए करोड़ों रुपयों की बोलियां लगाई गईं. अंत्येष्टि कार्यक्रम के लिए बोली लगाए जाने की प्रथा करीब 450 साल पहले से चली आ रही है. इस प्रथा को घी बोलो नाम से जाना जाता है.
जैन मुनि जयंतसेन सुरीशवरजी महाराजसाहेब के भक्त देश के कोने कोने में हैं. मंगलवार को भांडवपुर जैन तीर्थ में हजारो की सख्या में लोग राष्ट्रसंत विजय जयंतसेन सूरीश्वर महाराज को अंतिम विदाई देने के लिए देशभर से पहुंचे.
जैन मुनि जयंतसेन सुरीशवरजी महाराजसाहेब की अंतिम विधि के दौरान मुनिराज नित्यानंद विजय महाराज एवं भाण्डवपुर तीर्थ प्रेरक मुनिराज जयरत्न विजय महाराज को आचार्य पदवी की घोषणा भी की गई.
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