संसद की एक समिति ने रिजर्व बैंक से नोटबंदी के बाद के परिदृश्य पर ब्योरा मांगा है. समिति ने केंद्रीय बैंक से पूछा है कि अभी तक कितने बंद नोट जमा हुए हैं और प्रणाली में कितना कालाधन आया है. इसके जवाब में रिजर्व बैंक ने समिति को बताया है कि फिलहाल उसे जमा की जा चुकी प्रतिबंधि करेंसी का पूरा ब्यौरा नहीं मिला है क्योंकि नोटों की गिनती का काम फिलहाल चल रहा है.
अधीनस्थ कानूनों पर कांग्रेस सांसद टी सुब्बारामी रेड्डी की अगुवाई वाली 15 सदस्यीय समिति ने बुधवार को रिजर्व बैंक डिप्टी गवर्नरों एन एस विश्वनाथन तथा बीपी कानूनगो, वरिष्ठ बैंकरों तथा सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस बैठक में इरडा के चेयरमैन टी एस विजयन, वित्तीय सेवा विभाग और भारतीय औद्योगिक वित्त निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
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सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1,000 के नोट बंद करने की घोषणा की थी. सरकार ने पहले नोटबंदी की वजह भ्रष्टाचार, कालेधन तथा जाली नोटों पर अंकुश को बताया था. बाद में सरकार ने कहा कि उसने नोटबंदी आतंकवाद से लड़ाई तथा डिजिटल भुगतान बढ़ाने के लिए की है.
एक बैंकर ने कहा कि समिति ने रिजर्व बैंक के अधिकारियों से जानना चाहा है कि नोटबंदी के बाद कितना कालाधन प्रणाली में आया है. डिप्टी गवर्नरों ने हालांकि कहा कि वे अभी इस बारे में कहने की स्थिति में नहीं हैं. जमा किए गए नोटों की गिनती की जा रही है. इसके अलावा एनआरआई के लिए पुराने नोट जमा कराने की समयसीमा अभी 30 जून तक है. समिति के सदस्यों ने बैंकरों से यह भी पूछा है कि नकदी संकट की वजह से उपभोक्ताओं को हुई परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
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