नई दिल्ली: बिहार के मुख्य सचिव ने पटना जू के मिट्टी घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं. लालू यादव के मंत्री बेटे पर मिट्टी घोटाले के आरोप लग रहे थे. आज नीतीश सरकार ने इसके जांच के आदेश दे दिये हैं.
क्या है पूरा मामला?
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे पर मिट्टी घोटाला का आरोप लगाने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि वे मानहानि के मुकदमे की धमकी से डरने वाले नहीं हैं और अपने बयान पर कायम हैं.
मॉल की मिट्टी को बिना टेंडर बेचा
सुशील मोदी ने कहा कि लालूजी ने अपने मॉल की मिट्टी को बिना टेंडर के अपने बेटे के विभाग को 90 लाख रूपये में बेच दिया, जो राज्य सरकार में मंत्री है. यह तो आम के आम, गुठली के दाम को चरितार्थ करती है. उन्होंने कहा कि मानहानि के मुकदमे की धमकी से डरने वाला नहीं हूं. आधा दर्जन मुकदमा लड़ रहा हूं. मैं अपने बयान पर कायम हूं.
20 जून 2014 को बनाया गया निदेशक
बीजेपी नेता ने दावा किया कि डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव और चंदा यादव को 20 जून 2014 को निदेशक बनाया गया. इस कंपनी को 2 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गई. इसी जमीन पर बिहार में एक बड़ा शापिंग मॉल बन रहा है जिसका निर्माण आरजेडी से सुरसंड के विधायक सैयद अबू दौजान की कंपनी कर रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्माणधीन शापिंग मॉल का संबंध लालू प्रसाद के परिवार से है और उसके दो अंडरग्राउंड फ्लोर की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख रूपये में बेची गई.
मॉल की मिट्टी को बेचकर 90 लाख रूपये की कमाई कर चुका लालू का परिवार
सुशील मोदी ने कहा कि संजय गांधी जैविक उद्यान पर्यावरण और वन विभाग के अंतर्गत आता है जिसके मंत्री लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप हैं. उन्होंने कहा कि इस मॉल की मिट्टी को बिकवाने के लिए सौंदर्यीकरण के नाम पर अनावश्यक रूप से 90 लाख रूपये का अनुमान पगडंडी बनाने के नाम पर किया गया.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद का परिवार अपने मॉल की मिट्टी को अपने ही विभाग को बेचकर 90 लाख रूपये की कमाई कर चुका है.
उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई मंत्री अपनी जमीन की मिट्टी को अपने विभाग के लिए खरीद सकता है ? क्या बिना टेंडर के 90 लाख रूपये की वस्तु सरकारी विभाग में खरीदी जा सकती है ? क्या मुख्यमंत्री पूरी जांच करके संबंधित मंत्री को बर्खास्त करेंगे ?
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