नई दिल्ली: योगी सरकार के फैसलों से यूपी की जनता खुश है. अंधाधुंध फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों की सूची योगी सरकार ने बनानी शुरू कर दी है, जिसका लोग स्वागत कर रहे हैं. दरअसल सीएम योगी ने निजी स्कूलों की फीस की निगरानी के लिए पूर्व न्यायाधीशों की टीम गठित करने की घोषणा की है.
सरकार कानून बनाने की दिशा में काम कर रही है- डिप्टी सीएम
य़ूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी ABP न्यूज से बातचीत में कहा कि निजी स्कूलों पर निगरानी के लिए कानून बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने फीस की सीमा तय करने वाले अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया है.
य़ूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी ABP न्यूज से बातचीत में कहा कि निजी स्कूलों पर निगरानी के लिए कानून बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने फीस की सीमा तय करने वाले अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया है.
इन राज्यों में पहले से ही है कानून
यूपी में कानून आने में अभी कुछ दिन का वक्त लगेगा, लेकिन देश में दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में स्कूल फीस तय करने का नियम पहले से ही है. गुजरात में तो हाल ही में सरकार ने नया कानून बनाया है.
यूपी में कानून आने में अभी कुछ दिन का वक्त लगेगा, लेकिन देश में दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में स्कूल फीस तय करने का नियम पहले से ही है. गुजरात में तो हाल ही में सरकार ने नया कानून बनाया है.
फीस बढ़ाने के लिए पहले सरकार की मंजूरी
इस कानून के मुताबिक प्राइमरी स्कूल 15 हजार रुपये, सेकेंडरी स्कूल 25 हजार और हायर सेकेंड्री स्कूल 27 हजार रुपए से ज्यादा सालाना फीस नहीं वसूल सकते. गुजरात के प्राइवेट स्कूल अनाप-शनाप फीस भी नहीं बढ़ा सकेंगे. फीस बढ़ाने के लिए स्कूलों को पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी.
इस कानून के मुताबिक प्राइमरी स्कूल 15 हजार रुपये, सेकेंडरी स्कूल 25 हजार और हायर सेकेंड्री स्कूल 27 हजार रुपए से ज्यादा सालाना फीस नहीं वसूल सकते. गुजरात के प्राइवेट स्कूल अनाप-शनाप फीस भी नहीं बढ़ा सकेंगे. फीस बढ़ाने के लिए स्कूलों को पहले सरकार से मंजूरी लेनी होगी.
कानून तोड़ने वाले पर जुर्माना
गुजरात में फीस के मुद्दे पर कानून तोड़ने वाले स्कूल को पहली बार पांच लाख रुपए जुर्माना, दूसरी बार दस लाख रुपये जुर्माना देना होगा. तीसरी बार में स्कूल की मान्यता ही रद्द हो जाएगी. देश में ऐसे सिर्फ 5 ही राज्य हैं जहां पर अभिभावकों के हित में कानून है.
गुजरात में फीस के मुद्दे पर कानून तोड़ने वाले स्कूल को पहली बार पांच लाख रुपए जुर्माना, दूसरी बार दस लाख रुपये जुर्माना देना होगा. तीसरी बार में स्कूल की मान्यता ही रद्द हो जाएगी. देश में ऐसे सिर्फ 5 ही राज्य हैं जहां पर अभिभावकों के हित में कानून है.
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