
चीन के विरोध के बीच बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा आज से अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. वेस्ट तवांग से उनके दौरे की शुरुआत हो रही है. दलाई लामा के दौरे पर गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने चीन को नसीहत दी. रिजिजू ने चीन को दो टूक अंदाज में कहा कि वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दे.
किरण रिजिजू ने दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को पूरे तरीके से धार्मिक करार दिया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है. धर्म गुरू होने के नाते हजारों लोगों की तमन्ना थी. लोगों की भावनाओं को देखते हुए दलाई लामा यहां पहुंचे हैं. रिजिजू ने कहा- भारत एक स्वतंत्र देश है और किसी भी धर्म गुरू के आने-जाने पर यहां कोई रोक नहीं है.
विवादित नहीं अरुणाचल
अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद भी किरण रिजिजू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ये राज्य विवादित नहीं है. रिजिजू ने कहा कि भारत चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता. ऐसे में चीन को चाहिए कि वो भारत के मामले में कोई दखल न दे. दलाई लामा को अरुणाचल में बुलाना भारत का आंतरिक मामला और चीन इसमें दखल देने से बचे. रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा अरुणाचल के दिल में बसते हैं. सबसे पहले वो अरुणाचल में ही आये थे. 1959 से के बाद से अब तक लोग उनकी राह देख रहे हैं. छठे लामा जन्म तवांग में हुआ था, इसलिए यहां के लोग दलाई लामा को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं.
अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद भी किरण रिजिजू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि ये राज्य विवादित नहीं है. रिजिजू ने कहा कि भारत चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता. ऐसे में चीन को चाहिए कि वो भारत के मामले में कोई दखल न दे. दलाई लामा को अरुणाचल में बुलाना भारत का आंतरिक मामला और चीन इसमें दखल देने से बचे. रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा अरुणाचल के दिल में बसते हैं. सबसे पहले वो अरुणाचल में ही आये थे. 1959 से के बाद से अब तक लोग उनकी राह देख रहे हैं. छठे लामा जन्म तवांग में हुआ था, इसलिए यहां के लोग दलाई लामा को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं.
पहले भी भड़क चुका है चीन
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि चीन दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर बेहद चौकन्ना है. भारत की ओर से दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की इजाजत देने के फैसले से द्विपक्षीय संबंध खराब होने के आसार हैं. इसके अलावा चीन-भारत के सीमावर्ती इलाकों में शांति व्यवस्था भी गड़बड़ा सकती है. हालांकि भारत ने ड्रैगन की इस दखलंदाजी को कोई खास तवज्जो नहीं दी है.
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि चीन दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर बेहद चौकन्ना है. भारत की ओर से दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की इजाजत देने के फैसले से द्विपक्षीय संबंध खराब होने के आसार हैं. इसके अलावा चीन-भारत के सीमावर्ती इलाकों में शांति व्यवस्था भी गड़बड़ा सकती है. हालांकि भारत ने ड्रैगन की इस दखलंदाजी को कोई खास तवज्जो नहीं दी है.
चीन दलाई लामा को अलगाववादी नेता मानता है
भारत के साथ पूरी दुनिया भले ही दलाई लामा को आध्यात्मिक नेता मानती हो लेकिन चीन उन्हें एक अलगाववादी नेता के तौर पर देखता है. वहां के अखबारों में पहले भी ऐसी खबरें छपी हैं कि लाई लामा को विवादित क्षेत्र की यात्रा करने की अनुमति देने से अनिवार्य रूप से टकराव उत्पन्न होगा, क्षेत्र की स्थिरता कमजोर होगी और भारत-चीन संबंधों में खटास पैदा होगी. उनका मानना है कि भारत दलाई मुद्दे का इस्तेमाल कर कई तरह के फायदे हासिल कर सकता है.
भारत के साथ पूरी दुनिया भले ही दलाई लामा को आध्यात्मिक नेता मानती हो लेकिन चीन उन्हें एक अलगाववादी नेता के तौर पर देखता है. वहां के अखबारों में पहले भी ऐसी खबरें छपी हैं कि लाई लामा को विवादित क्षेत्र की यात्रा करने की अनुमति देने से अनिवार्य रूप से टकराव उत्पन्न होगा, क्षेत्र की स्थिरता कमजोर होगी और भारत-चीन संबंधों में खटास पैदा होगी. उनका मानना है कि भारत दलाई मुद्दे का इस्तेमाल कर कई तरह के फायदे हासिल कर सकता है.
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