
रूस ने सुरक्षा परिषद में अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए ढाल की तरह खड़ा हो गया।
नई दिल्ली, एजेंसियां। युद्धग्रस्त सीरिया में पिछले हफ्ते हुए घातक केमिकल हमले के बाद से ही सीरिया की असद सरकार और रूस की लगातार आलोचना हो रही है। बुधवार को सीरिया के खिलाफ एक प्रस्ताव पर मुहर लगाने के लिए हुई बैठक में भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद किसी एक मसौदा संकल्प पर पहुंचने में विफल रही।
अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देश घातक केमिकल हमले के बाद सीरिया में असद सरकार की निंदा के साथ ही उस पर मामले की जांच के लिए जांचकर्ताओं से सहयोग के लिए दबाव बनाना चाहते हैं। लेकिन रूस ने सुरक्षा परिषद में अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए ढाल की तरह खड़ा हो गया।
पिछले छह साल से चले आ रहे सीरिया के गृहयुद्ध के मामले में चीन भी 6 प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है। लेकिन बुधवार को उसने ऐसा नहीं किया। इथोपिया और कजाकिस्तान सहित 10 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बोलीविया ने रूस का साथ दिया।
पश्चिमी देश सीरिया की असद सरकार पर विद्रोही गुट के कब्जे वाले क्षेत्र में केमिकल हमले का आरोप लगा रही हैं, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित दर्जनों लोगों की जान चली गई। सीरिया सरकार का कहना है कि उसने ऐसा कोई हमला नहीं किया, जिसके बाद अमेरिका ने पिछले हफ्ते उसके एयर बेस पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागीं।
संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदूत बशर जाफरी ने कहा कि उनके देश ने संयुक्त राष्ट्र को दर्जनों चिट्ठियां लिखी हैं, जिसमें बताया गया है कि लीबिया से तुर्की के रास्ते सीरियाई नागरिकों का इस्तेमाल करके नागरिक विमान के जरिए सरीन गैस की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा, लीबिया से तुर्की के रास्ते सीरिया के आतंकी गुटों को 2 लीटर सरीन गैस की तस्करी हुई है। उन्होंने कहा, उनकी सरकार के पास ऐसे हथियार नहीं हैं।
दूसरी तरफ सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इडलिब में केमिकल हमले पर पुतिन ने कहा, इस बारे में उनके पास दो मुख्य स्पष्टीकरण हैं। उन्होंने कहा, पहला स्पष्टीकरण तो यह है कि सीरिया सरकार ने विद्रोहियों के कब्जे वाले जिस इलाके में हमला किया, वहां विद्रोहियों का केमिकल हथियारों के डिपो होगा। दूसरा स्पष्टीकरण यह है कि ऐसा कोई गैस हमला हुआ ही नहीं।
अमेरिका के साथ संबंधों पर बोलते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका और रूस के बीच संबंध बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा केमिकल हथियारों के खात्मे के लिए सीरिया ने अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है।
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