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भाई ऐसे थे असली नटवरलाल! इन्होंने तीन बार ताजमहल बेच दिया....

मिस्टर नटवरलाल का नाम सुना है? अरे वो फ़िल्म नहीं असली वाले नटवर लाल। हम बात कर रहे हैं श्री श्री श्री 1008 मिथलेश कुमार श्रीवास्तव जी की। इतनी इज्ज़त इन्हें इसलिए बक्श रहे हैं क्योंकि इन्होंने काम ही इतने महान किए हैं कि चोर भाईलोग इनकी पूजा करते होंगे। इनके बारे में पढ़ने के बाद आप कह सकते हैं कि ये हैं भारतीय चोरों के रोल मॉडल।


मिथलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ़ “नटवरलाल” ने अपनी ज़िन्दगी में कई ऐसे काम किए जिन्हें करने के बारे में एक आम चोर सोच भी नहीं सकता। इन्होंने एक से एक बड़े बिज़नेसमैन को बेवक़ूफ़ बनाया है। ये कई जगहों और लोगों को बेच चुके हैं। इन्होंने कईयों को करोड़ों रुपियों की चपत लगाई है। और तो और ये भागने में बहुत माहिर थे। भाग-मिल्खा-भाग भी इनसे इनसेक्योर होते होंगे। पढ़ लीजिए इनके कारनामे जिन्हें पढ़कर आपको हंसी भी आएगी और आप हैरान भी रह जाएंगे।

1. वकील से ठग तक…

नटवरलाल ने बकायदा वकालत की पढ़ाई की थी और ये एक प्रोफेशनल वकील थे पर ये ठगने के बिज़नेस में इसलिए कूद पड़े क्योंकि अचानक ही इन्हें ये एहसास हुआ कि ये लोगों के दस्तख़त हूबहू कॉपी कर सकते हैं।


2. कभी राष्ट्रपति कभी उद्योगपति


मिथलेश जी ने राजेंद्र प्रसाद और धीरूभाई अम्बानी के नकली साइन करके भी लोगों को ठगा। तो इन्हें बिना किसी ताम-झाम के भारत का राष्ट्रपति बनने का भी सौभाग्य प्राप्त है। इन्होंने लगभग 50 अलग-अलग पहचान बना रखी थीं।

3. ताजमहल बेच डाला


इन्होंने कुछ विदेशियों को ताजमहल बेच दिया। सरकारी कर्मचारी का भेस बनाकर ये कईयों को ठग लेते थे। पर सोचने वाली बात ये है कि वो बेवक़ूफ़ कौन थे जो सोचते थे कि वो किसी देश के स्मारक खरीद सकते हैं?

4. सांसदों को भी बेच दिया

एक बार महानुभाव ने संसद भवन के साथ-साथ उसके सारे सांसदों को भी बेच दिया था। सोचिए जब उन खरीददारों ने इन लोगों को क्लेम किया होगा तो पुलिस वालों का क्या रिएक्शन रहा होगा…

5. 113 साल की सज़ा

श्रीवास्तव जी को 14 केसों में कुल मिलाकर 113 साल की सज़ा सुनाई गई पर ये जितनी बार पकड़े जाते उतनी बार भाग जाते थे। इन्होंने कभी अपनी सज़ा पूरी नहीं की और मुश्किल से 20 साल ही जेल में गुज़ारे वो भी लगातार नहीं।

6. 84 साल की उम्र में मैराथन

ये आखिरी बार 84 साल की उम्र में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पुलिस से चंगुल से निकलकर दनदनाते हुए भाग निकले। आज भी भारत के बुज़ुर्ग इनकी सेहत के राज़ जानने की कोशिश में जुटे हैं।

7. मरने का नाटक…


इनके भाई कहते हैं कि इनका अंतिम संस्कार उन्होंने 1996 में ही कर दिया था। पर नटवरलाल के वकील कहते हैं कि वो 2009 तक ज़िंदा थे। मतलब मरने का नाटक करने में इन्होंने एकता कपूर के सीरियलों को भी पीछे छोड़ दिया?



8. रॉबिनहुड श्रीवास्तव

सीवान, बिहार में अपने गांववालों के लिए ये किसी रॉबिनहुड से कम नहीं थे। जब ये जेल में नहीं होते थे तो ये गांव के गरीबों में अपने पैसे बांट दिया करते थे।


9. मूर्ति लगेगी इनकी

…इनके गांववाले आज भी इनसे बेहद प्यार करते हैं और जल्द ही वहां इनकी एक मूर्ति लगने वाली है। आज से पहले इस देश में किसी ठग की मूर्ति नहीं लगी होगी।


10. बॉलीवुड भी हुआ इंस्पायर


आम लोगों के साथ-साथ अपना बॉलीवुड भी इनसे बहुत इंस्पायर हुआ, मिस्टर नटवरलाल जैसी फ़िल्में इनके ऊपर बनीं और लोगों ने खूब पसंद भी कीं। अमिताभ बच्चन से लेकर इमरान हाशमी जैसे कलाकारों ने भी इनके किरदार को निभाया है।
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