अपने आप में एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी एस कर्णन ने देश के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के छह अन्य जजों के खिलाफ आदेश जारी कर दिया है. गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की सात सदस्यीय अध्यक्षता वाली खंडपीठ कर्णन के खिलाफ अवमानना के मामले की सुनवाई कर रही है. कर्णन ने अपने फैसले में इन सभी को एकजुट होकर कोर्ट में अपना अपमान करने के आरोप में एससीएसटी एक्ट के तहत दोषी करार दिया है.
जस्टिस कर्णन ने इन सभी जजों को दोषी करार देते हुए इनकी सजा पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 अप्रैल को अपने समक्ष हाजिर होने का आदेश भी दिया है. यही नहीं जस्टिस कर्णन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली एयरपोर्ट के प्रभारी को इन सभी सात जजों को देश से बाहर न उड़ने देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इन जजों से 15 दिन के भीतर अपने पासपोर्ट दिल्ली पुलिस के पास जमा करने को कहा है.
इतना ही नहीं, आदेश में इन जजों को इस फैसले के खिलाफ किसी भी कोर्ट में जाने से भी रोक दिया है, हालांकि कहा है कि अगर वे इस फैसले को चुनौती देना चाहते हैं तो संसद जा सकते हैं.
गौरतलब है कि कर्णन अपने खिलाफ चल रहे इस मामले में 31 मार्च को सात सदस्यीय इस खंडपीठ के सामने पेश हुए थे. सुनवाई के दौरान केहर ने कर्णन से पूछा था कि क्या वे उनके द्वारा 20 न्यायाधीशों पर लगाए गए आरोपों को वापस लेने चाहते हैं या उस पर विचार करने चाहते हैं या फिर बिना किसी शर्त के माफी मांगना चाहते हैं.
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