मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, कला, विकास और सुनी-अनसुनी कहानियों से आपको अवगत करा रहा है। इस कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित रायसेन किले के बारे में। कहा जाता है कि इस किले में पारस पत्थर है, जिसकी रखवाली जिन्न करते हैं।
1200 ईस्वी में निर्मित यह किला रायसेन, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख आकर्षण है। पहाड़ी की चोटी पर इस किले के निर्माण के बाद रायसेन को इसकी पहचान बलुआ पत्थर से बना हुआ यह किला प्राचीन वास्तुकला एवं गुणवत्ता का एक अद्भुत प्रमाण है जो इतनी शताब्दियां बीत जाने पर भी शान से खड़ा हुआ है। इसी किले में दुनिया का सबसे पुराना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। इस किले पर शेरशाह सूरी ने भी शासन किया था। कहा जाता है यहां के राजा के पास पारस पत्थर था, जिसे किसी भी चीज को छुलाभर देने से वह सोना (GOLD) हो जाती थी। कहा जाता है कि इसी पारस पत्थर के लिए कई युद्ध भी हुए, जब यहां के राजा राजसेन हार गए तो उन्होंने पारस पत्थर को किले पर ही स्थित एक तालाब में फेंक दिया।
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