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नई दिल्ली - ट्रिपल तलाक मामले में शायरा बानो के वकील अमित सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि ट्रिपल तलाक इस्लाम का मूल भाग नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देश भी इस पर बैन लगा चुके हैं। हमारी पूरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट मानव अधिकारों का संरक्षक है।
यह नही पढ़ा तो क्या पढ़ा -
# अमित सिंह ने कहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कहता है कि ट्रिपल तलाक़ आस्था और धार्मिक विश्वास का मामला है। 1400 साल पुरानी परम्परा है। इसमें कोर्ट को दख़ल नहीं देना चाहिए। सरकार कह रही है कि ट्रिपल तलाक़ बैड इन लॉ है, असमानता पर आधारित है। असंवैधानिक है, लेकिन इसके लिए क़ानून बनाने को राज़ी नहीं है।
यह नही पढ़ा तो कुछ नही पढ़ा -
# उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि इस्लाम महिला और पुरुष में भेद नहीं करता। जब आप (AIMPLB) कहते हैं कि ये धार्मिक आस्था और विश्वास का मामला है तो मेरा विश्वास है कि ट्रिपल तलाक़ एक पाप है और ये पाप मेरे और मेरे खुदा के बीच है।
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