# हमारे आराध्य देव श्री मोर्विनंदन श्याम प्यारे का सबसे प्रिय भोग गौ माँ का कच्चा दूध है | यह पहला भोग है जो श्याम बाबा ने खाटू की धरती पर सबसे पहले स्वीकार किया था | आपको बता दे की बाबा श्याम का शीश श्याम कुंड से प्रकट हुआ |
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# उससे पहले उस जगह एक गौ माँ के थनों से स्वत: ही दूध उस धरा में जाने लगा | यह बात जब गौ के पालक को पता चली और फिर खुदाई हुई तो शीश प्रकट हुआ | अत: गौ दूध पहला प्रसाद है जो बाबा श्याम को सबसे ज्यादा पसंद है | हो सके तो आप भी जरुर गौ माँ का दूध प्रसाद के रूप में खाटू मंदिर में चढ़ाये और परम कृपा के पात्र बने |
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# उससे पहले उस जगह एक गौ माँ के थनों से स्वत: ही दूध उस धरा में जाने लगा | यह बात जब गौ के पालक को पता चली और फिर खुदाई हुई तो शीश प्रकट हुआ | अत: गौ दूध पहला प्रसाद है जो बाबा श्याम को सबसे ज्यादा पसंद है | हो सके तो आप भी जरुर गौ माँ का दूध प्रसाद के रूप में खाटू मंदिर में चढ़ाये और परम कृपा के पात्र बने |
खीर चूरमा का भोग -
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# श्याम बाबा के द्वादशी पर ज्योत के रूप में घर घर में खीर चूरमे का भोग लगाया जाता है | यदि आप खाटू श्याम जी के मंदिर में भी यह भोग लगाना चाहते है तो आप घर से बना चूरमा और खीर लाये | खाटू नगरी में दुकानों पर मिलने वाला चूरमा आपको पसंद नही आएगा |
मावे के पेड़े -
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# बाबा श्याम के भक्तो में यह प्रसाद भी बहुत प्रसिद्ध है | खाटू नगरी में सबसे ज्यादा पेडे प्रसाद के रूप में पेदे ही बिकते है |
पंचमेवा प्रसाद -
# श्याम बाबा को आप पञ्च मेवा प्रसाद का भोग भी लगा सकते है | पञ्च मेवा प्रसाद का सबसे बड़ा फायदा यह है की इसे ले जाना और बहुत दिनों तक भी इसका खराब नही होना है | पंच मेवा में बादाम , काजू , छुआरा , मिश्री और किशमिश काम में आती है |
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