
# 'अब शेर से नहीं, गाय से डर लगता है'. ये अल्फाज़ हैं अखलाक भाई जान मुहम्मद के हैं. बुधवार को स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाईजेशन ऑफ इंडिया के रोजा इफ्तार कार्यक्रम में जान मुहम्मद ने कहा कि, 'अख़लाक़ की मौत के बाद से दादरी के बिसहड़ा गांव से कई मुस्लिम परिवार पलायन कर चुके हैं.'
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# जान मुहम्मद के मुताबिक जिस तरह गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं उसके बाद अब शेर से डर नहीं लगता है. बल्कि अगर कोई गाय पीछे से भी निकल जाए तो डर लग जाता है. जान मुहम्मद के मुताबिक उसके भाई के ऊपर हमला सोची समझी साजिश के तहत किया गया. अख़लाक़ के घर में बीफ क्या मुर्गी भी नहीं काटी गई. भले ही अब हिन्दू परिवार उनके घर में फिर से आते जाते हैं लेकिन उस वारदात का डर अब तक बिसहड़ा के मुस्लिम परिवारों के ज़हन में ताजा है. जान मुहम्मद ने बताया कि इसी वजह से अब तक 7-8 मुस्लिम परिवार बिसहड़ा से दूसरी जगह पलायन कर चुके हैं.
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# इस इफ़्तार प्रोग्राम में जान मुहम्मद के अलावा पहलू खान और नजीब का परिवार भी शामिल हुआ. पहलू खान के बेटे इरशाद के मुताबिक उसके पिता की मौत के इतने दिन गुज़र जाने के बाद भी अब तक प्रशासन की तरफ से कोई उनसे मिलने नहीं आया और ना ही कोई मुआवजा दिया गया. उल्टा प्रशासन ने पशु क्रूरता कानून के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया.
# पहलू खान के पड़ोसी अज़मत खान भी इस प्रोग्राम में शामिल हुए. अज़मत को भी बड़ी बेरहमी से गौ-रक्षकों की शक्ल में आये गुंडों ने पीटा था. उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थीं और उनका इलाज दिल्ली के अस्पताल में चल रहा है. अज़मत के मुताबिक, इस मामले में जो 6 नामजद आरोपी हैं उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया. अजमत ने आरोप लगाया कि ये आरोप बीजेपी और संघ से जुड़े हैं, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.
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# कार्यक्रम में मौजूद नजीब की मां भी मीडिया से मुखातिब हुई. उन्होंने भावुक होते हुए सरकार से एक बार उनके बेटे को तलाशने की अपील की. नजीब की मां ने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 9 संदिग्ध छात्रों में से अब तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया.
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